केंद्र सरकार ने लोकपाल तो नियुक्त कर दिया लेकिन अब तक नही दिया कार्यालय, अभी 5 स्टार होटल में बना है ऑफिस

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नई दिल्ली। जिस लोकपाल के गठन के लिए 2011 में अन्ना आंदोलन हुआ, हजारों लोग झंडे-बैनर लेकर सड़कों पर उतरे, उसी लोकपाल ने जब 8 साल बाद अपना काम शुरू किया तो किसी को पता भी नहीं चला।
23 मार्च को शपथ लेने के 2 हफ्ते बाद शुक्रवार को लोकपाल और सभी 8 सदस्यों की पहली बैठक हुई। यह बैठक किसी दफ्तर में नहीं बल्कि दिल्ली के पांच सितारा होटल में करनी पड़ी। कारण- सरकार की तरफ से अब तक लोकपाल और उनके सदस्यों को दफ्तर न मिल पाना है।
होटल में लोकपाल जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष से हमारी मुलाकात हुई। पूछा कि लोग लोकपाल को कब, कहां और कैसे शिकायत कर सकेंगे? घोष ने कहा, “अभी हम जीरो से शुरुआत कर रहे हैं। होटल में ऑफिस चल रहा है। अभी न हमारे पास आने वाली शिकायतों को निपटाने की कोई तय प्रक्रिया और नियम हैं और न ही स्टाफ हैं। लोकपाल सदस्य सब कुछ तय करने में जुटे हैं। हमें लोकपाल सचिव, जांच निदेशक, अभियोजन निदेशक सहित बाकी स्टाफ मिलने पर काम में और तेजी आएगी।”
हालांकि घोष ने बाकी किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। एक अन्य लोकपाल सदस्य जस्टिस दिलीप बाबासाहेब भोंसले ने बताया कि लोग लोकपाल से कैसे शिकायत करेंगे इसको लेकर हम नियम-कानून बना रहे हैं। शिकायत के प्रारूप पर भी चर्चा जारी है। लेकिन यह प्रारूप तभी लागू होगा जब सरकार इसे नोटिफाई करेगी। इस हिसाब से 26 मई को सरकार बनने के बाद जून में ही कुछ हो सकेगा। लोग ऑनलाइन शिकायत भी कर सकेंगे।
पांच सितारा होटल में दफ्तर चलाने को लेकर जस्टिस भोंसले का कहना है  कि होटल में दफ्तर पर मैंने आपत्ति जताई थी लेकिन चेयरमैन ने कहा कि अभी विकल्प नहीं है और खाली भी तो नहीं बैठ सकते थे। उन्होंने कहा कि हमने तो नहीं कहा था कि फाइवस्टार में दफ्तर दिया जाए? मैं यहां खाना तक नहीं खाता। रोज सिर्फ चाय पीता हूं, बिस्किट तक की डिमांड नहीं की।
यह चर्चा खत्म होतेे ही जस्टिस भोंसले बोले ऐसा भी कहा जा रहा है कि लोकपाल सदस्यों ने हाईकोर्ट जज के दर्जे की मांग की है? हम ऐसा क्यों करेंगे? लोकपाल कानून में धारा-7 दिखाते हुए उन्होंने कहा, “चेयरमैन को सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस और सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के बराबर वेतन, भत्ता व सुविधाएं तो वैसे ही मिलेंगी। ऐसी बातें आने पर दिल दुखता है। हमारा मकसद यह भरोसा दिलाना है कि वाजिब शिकायत लेकर लोकपाल के पास आने वाले लोगों को यहां से न्याय मिलेगा।”
किन-किन लोगों की जांच नहीं कर सकेंगे लोकपाल : सुप्रीम कोर्ट जज और डिफेंस के अधिकारियों को छोड़कर बाकी सभी लाेकपाल जांच के दायरे में आएंगे। शिकायत मिलने पर पीएम, मंत्री व सांसद और ग्रुप ए व बी के अधिकारी, सरकारी बोर्ड, ट्रस्ट, कंपनी व सोसाइटी के सदस्यों के खिलाफ लोकपाल जांच शुरू कर सकेंगे।
आखिरी कमरे के बाहर लोकपाल का नाम 
किसी सरकारी साइट पर लोकपाल दफ्तर का पता नहीं है। हमने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग से पूछा कि तो पता चला लोकपाल दफ्तर अभी अशोक होटल में है। दूसरे तल पर 12 कमरों में यह दफ्तर है। लंबे गलियारे में दोनों तरफ 6-6 कमरे हैं। शुरुआती 8 कमरों में लोकपाल के ज्यूडिशियल व नॉन-ज्यूडिशियल सदस्यों की नंबर प्लेट लगी है। आखिरी कमरे के बाहर लोकपाल जस्टिस घोष का नाम लिखा हुआ है।

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