चाणक्यपुरी के शोरूम में फर्जी ईडी अधिकारी बन की 30 लाख की लूट और अपहरण, शोरूम कर्मचारी सहित तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के चाणक्यपुरी थाना पुलिस ने एक हाई-प्रोफाइल लूट के मामले को सुलझाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों का रूप धरकर एक शोरूम से 30 लाख रुपये लूटे थे। पुलिस ने 15 लाख नकद और 8 लाख फिक्स्ड डिपॉजिट में से बरामद किए, साथ ही अपराध में इस्तेमाल कार और आरोपियों द्वारा खरीदी गई नई कार को भी जब्त किया।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि 2 जुलाई को चाणक्यपुरी के कौटिल्या मार्ग स्थित बेंटले और अन्य लग्जरी कारों का अधिकृत डीलर के सहायक प्रबंधक अनिल तिवारी ने शिकायत दर्ज की। 19 जुलाई को शोरूम में एक ग्राहक से 30 लाख रुपये नकद प्राप्त हुए थे, जिन्हें शोरूम में पार्क की गई बेंटले कार के बूट में रखा गया था। 20 जुलाई को शाम 7 बजे, तिवारी स्कूटर से घर जा रहे थे, तभी हंगरी हिप्लोमैट के पास एक कार ने उन्हें रोक लिया। कार में मौजूद दो व्यक्तियों, जिनमें एक पुलिस वर्दी में था, ने तिवारी का अपहरण कर लिया। आरोपियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में गिरफ्तारी की धमकी दी और मारपीट की। उन्होंने एक फर्जी ईडी पत्र दिखाया और शोरूम में रखे नकदी की तलाशी का बहाना बनाया। आरोपियों ने तिवारी को जबरदस्ती शोरूम ले जाकर बेंटले की चाबी हासिल की और बूट से 30 लाख रुपये लूट लिए। इसके बाद वे तिवारी को एनएच-8 के पास राजोकरी में छोड़कर फरार हो गए। तिवारी ने तुरंत शोरूम मालिक को सूचित किया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसएचओ चाणक्यपुरी इंस्पेक्टर बलिहार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। टीम में इंस्पेक्टर अंजनी कुमार सिंह, एएसआई जय प्रकाश, एएसआई सुनील, एचसी अमर सिंह और कांस्टेबल कुलदीप शामिल थे। जांच की निगरानी एसीपी आरती शर्मा और डीसीपी देवेश कुमार महला ने की।

पुलिस ने घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें एक वैगन-आर कार दिखी, जिसका नंबर प्लेट आंशिक रूप से छिपा था। कार के रजिस्ट्रेशन विवरण से पता चला कि यह विजय एनक्लेव, डाबरी की स्वर्गीय सपना के नाम पर थी, और उनका पति सुनील कुमार तनेजा इसका उपयोग कर रहा था। तकनीकी निगरानी के माध्यम से तनेजा को 5 जुलाई को गुरुग्राम के वैष्णव एनक्लेव से गिरफ्तार किया गया। उसकी पूछताछ से सह-आरोपी सूरज और सुमित यादव की जानकारी मिली, जिन्हें क्रमशः 7 और 8 जुलाई को गिरफ्तार किया गया।

डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि सुमित यादव, जो शोरूम में सेल्स एग्जीक्यूटिव था, ने मुख्य आरोपी तनेजा को शोरूम की नकदी की जानकारी दी थी। तनेजा और यादव ने पहले ऑनलाइन कार बिक्री कंपनी में साथ काम किया था, जहां उन्होंने यह साजिश रची। तनेजा ने सूरज को अपने पुराने परिचय के आधार पर शामिल किया। बरामद 15 लाख रुपये तनेजा के पास से मिले, जबकि 8 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट 26 जून को किया गया था, जिसे फ्रीज कर दिया गया। तनेजा ने 2 लाख रुपये से टाटा पंच कार की डाउन पेमेंट भी की थी, जिसे जब्त कर लिया गया है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More