दिल्ली नगर निगम की ‘सुनियो’ योजना: 1862 संपत्ति कर शिविरों का आयोजन, 48,546 करदाताओं ने उठाया लाभ

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपनी महत्वाकांक्षी संपत्ति कर माफी योजना ‘संपत्तिकर निपटान योजना (सुनियो)’ के तहत 12 जोनों में अब तक 1862 संपत्ति कर शिविरों का सफल आयोजन किया है। इन शिविरों के जरिए 48,546 करदाताओं ने अपने बकाया संपत्ति कर का निपटान कर योजना का लाभ उठाया है। एमसीडी ने करदाताओं की सुविधा के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में एकमुश्त संपत्ति कर भुगतान पर 10% छूट की अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर 31 जुलाई 2025 कर दिया है।

दिल्ली नगर निगम की ‘सुनियो’ योजना के तहत वित्त वर्ष 2020-21 से पहले के लंबित बकाया संपत्ति कर, ब्याज और जुर्माने को पूरी तरह माफ किया जा रहा है। इसके लिए करदाताओं को वर्तमान वित्त वर्ष 2025-26 और पिछले पांच वित्त वर्षों के मूल संपत्ति कर का भुगतान बिना किसी ब्याज या जुर्माने के करना होगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए करदाताओं को एमसीडी की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन संपत्ति कर विवरणी भरनी होगी।

एमसीडी के प्रवक्ता ने बताया कि इन शिविरों में नागरिकों का उत्साहजनक रुझान देखने को मिला है। अब तक आयोजित 1862 शिविरों में 48,546 करदाताओं ने हिस्सा लिया और अपने बकाया कर का निपटान किया। नागरिकों की सुविधा के लिए एमसीडी ने सभी 12 जोनों में शिविरों का आयोजन किया है, जहां विशेषज्ञों की टीमें करदाताओं को योजना की जानकारी देने और उनके दस्तावेजों को जमा करने में सहायता प्रदान कर रही हैं।

‘सुनियो’ योजना के प्रति नागरिकों के उत्साह को देखते हुए एमसीडी ने आने वाले दिनों में और अधिक शिविरों के आयोजन की घोषणा की है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक करदाताओं को इस योजना का लाभ पहुंचाना है। एमसीडी ने सभी संपत्ति करदाताओं से अपील की है कि वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाकर अपने पुराने बकाया कर का निपटान करें।

करदाताओं की सुविधा के लिए एमसीडी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एकमुश्त संपत्ति कर भुगतान पर 10% छूट की अंतिम तिथि को 30 जून 2025 से बढ़ाकर 31 जुलाई 2025 कर दिया है। यह निर्णय उन करदाताओं के लिए राहत भरा है, जो समय पर भुगतान नहीं कर पाए थे। एमसीडी की अपील

दिल्ली नगर निगम ने सभी संपत्ति करदाताओं से अनुरोध किया है कि वे ‘सुनियो’ योजना का लाभ उठाकर अपने बकाया कर का भुगतान करें।

एमसीडी के प्रवक्ता ने कहा, “यह योजना करदाताओं के लिए एक अनूठा अवसर है, जिसके तहत वे बिना ब्याज और जुर्माने के अपने पुराने बकाया का निपटान कर सकते हैं। हम सभी से अपील करते हैं कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और अपने संपत्ति कर को नियमित करें।”

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