दिल्ली के रैन बसेरों में सुधार के लिए सख्त कदम, मंत्री आशीष सूद ने की उच्च स्तरीय बैठक

नई दिल्ली: दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने रैन बसेरों की बदहाल स्थिति को लेकर शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सभी जिलों के जिला अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। यह बैठक गुरुवार को सराय काले खां में पांच रैन बसेरों के औचक निरीक्षण के दौरान सामने आई अनियमितताओं और कुप्रबंधन के मुद्दों को संबोधित करने के लिए बुलाई गई थी।

मंत्री आशीष सूद ने बताया कि रैन बसेरों में साफ-सफाई की खराब स्थिति, पानी का रिसाव, बिजली की समस्याएं, पीने के पानी की कमी, हाजिरी रजिस्टर का अभाव, अनधिकृत कर्मचारियों द्वारा सफाई कार्य, फर्जी कर्मचारियों की मौजूदगी, असामाजिक तत्वों की सक्रियता और महिला रैन बसेरों में सुरक्षा चूक जैसी गंभीर समस्याएं पाई गईं। उन्होंने इन कमियों को तत्काल दूर करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए।

जिलाधिकारियों को सौंपी गई निरीक्षण की जिम्मेदारी

बैठक में निर्णय लिया गया कि रैन बसेरों की सुविधाओं और व्यवस्था का नियमित निरीक्षण अब संबंधित जिला अधिकारी करेंगे। सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में रैन बसेरों का तत्काल दौरा करें और विस्तृत रिपोर्ट डूसिब व मंत्री कार्यालय को सौंपें। इसके लिए एक मानकीकृत निरीक्षण प्रोफार्मा भी साझा किया जाएगा। साथ ही, रात्रिकालीन औचक निरीक्षण और आधार कार्ड शिविरों के आयोजन की संभावना तलाशने के निर्देश दिए गए ताकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों की मौजूदगी को रोका जा सके।

विजिलेंस और सीबीआई जांच की चेतावनी

मंत्री ने रैन बसेरों में अनियमितताओं और कुप्रबंधन की शिकायतों पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ी तो विजिलेंस विभाग और यहां तक कि सीबीआई से भी जांच कराई जा सकती है। उन्होंने डूसिब को चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ऐप-आधारित प्रणाली का विकास

डूसिब ने बताया कि रैन बसेरों में कर्मचारियों की उपस्थिति और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए एक ऐप-आधारित प्रणाली विकसित की जा रही है। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, परिवारों सहित रह रहे लोगों की अलग सूची तैयार करने का भी निर्णय लिया गया।

पारदर्शी और प्रभावी प्रबंधन पर जोर

मंत्री सूद ने डूसिब और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि रैन बसेरों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी, सुदृढ़ और प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा, “रैन बसेरे समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लिए हैं। इनमें किसी भी तरह की लापरवाही या अनियमितता अस्वीकार्य है।”

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