बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए गुहार लगाती पीड़िता , बदले में मिल रहा समझौते का प्रस्ताव ?

राष्ट्रीय जजमेंट
बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कभी निधौली थाने पर कभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के चक्कर लगाती पीड़िता की रिपोर्ट तो दर्ज नहीं हुई लेकिन महिला थाने से सुलह समझौता कराने का एक नोटिस जरूर मिल गया ।
पीड़ित महिला का कहना है कि वह अपने साथ हुए बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए लगातार पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रही हूं, लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो रही है , अपने साथ हुए बलात्कार के मामले में कार्यवाही के लिए मैं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय गई , वहां से मुझे महिला थाने जाने के लिए कह दिया गया ।

क्यों मिला सुलह समझौते का नोटिस ?

आगे बात करते हुए महिला बताती है कि मेरा किसी भी रिश्तेदार या परिजन के साथ कभी कोई वाद विवाद या झगड़ा नहीं हुआ है , मैंने किसी भी विवाद में सुलह समझौते के लिए कोई आवेदन नहीं किया ना ही मेरा किसी के साथ कोई विवाद है , मेरे ससुरालिजन लगातार मेरे साथ हुई बर्बरता की घटना को दबाने का प्रयास कर रहे हैं , मेरे साथ तो बलात्कार हुआ है फिर यह सुलह समझौते का नोटिस मुझे क्यों दिया गया समझ में नहीं आ रहा है ?

जानकारों की राय

इस संबंध में विधिक राय लेने के लिए जब हमने वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता श्री प्रशांत पुंढीर से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि सुलह समझौता तो पारिवारिक मामलों में या आर्थिक विवादों होता है , बलात्कार या संज्ञेय प्रकृति के किसी भी मामले में सुलह समझौता कराने के लिए पुलिस द्वारा कोई नोटिस नहीं जारी किया जाता ।

अब तक नहीं दर्ज हो पाई है पीड़िता की रिपोर्ट

अपने साथ हुई बलात्कार की घटना की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पीड़िता कई दिनों से पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रही है । थाने में पीड़िता को तहरीर बदलने का सुझाव थाना प्रभारी निधौली कलां के द्वारा दिया जाता है , लेकिन पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से पीड़िता को महिला थाने जाने का सुझाव दिया जाता है लेकिन पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है ।

अपराधों और महिला सुरक्षा के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के निर्देश माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए हैं ।

क्या कहता है कानून

विधि विशेषज्ञों की राय के अनुसार बलात्कार जैसी गंभीर प्रकृति के अपराधों में पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच करने का भी कोई प्रावधान नहीं है , इस तरह की गंभीर संज्ञेय प्रकृति के अपराधों की शिकायत मिलने पर तत्काल मामला दर्ज हो सघनता से जांच होनी चाहिए ।

अब आगे क्या करेगी पीड़िता ?

अपने साथ हुई घिनौनी वारदात से परेशान पीड़िता जिले के पुलिस अधिकारियों के पास कई बार चक्कर लगा चुकी है लेकिन हर बार उसे निराशा ही लौटना पड़ा है ।

पीड़ित ने मन बना लिया है कि अपने साथ हुए इस अन्याय के विरुद्ध वह अंतिम सांस तक लड़ेगी , पुलिस उच्च अधिकारियों को अपने साथ हुई बर्बरता से अवगत कराएगी
पीड़िता ने कहा कि उसे उम्मीद है कि पुलिस के उच्चाधिकारी उसकी बात सुनेंगे और उसको न्याय दिलाएंगे ।

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