Ahmedabad और Vadodara के Coffin Makers 100-100 ताबूतों का ऑर्डर मिलने पर भावुक हो गये

राष्ट्रीय जजमेंट

नियति भी कैसे कैसे खेल खेलती है। अहमदाबाद विमान हादसे के बाद कई ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं जो लोगों के मन में गहरा असर छोड़ जा रही हैं। वडोदरा के एक ताबूत निर्माता को एअर इंडिया ने जब 100 ताबूत बनाने का ऑर्डर दिया तो उसे समझ नहीं आया कि इतना बड़ा ऑर्डर मिलने पर खुश होये या दिल को दहलाने वाली मानवीय त्रासदी के चलते गम में ही डूबा रहे। वडोदरा के कॉफिन मेकर अरनेश रजवाड़ी ने मीडिया को बताया कि एअर इंडिया के एक मैनेजर का फोन आया कि अरनेश भाई जल्दी से 100 ताबूत चाहिए इसलिए हमारे सारे कारीगर काम पर जुट गये।

वहीं अहमदाबाद में सिविल अस्पताल के बाहर जब 47 वर्षीय निलेश वाघेला अपने ट्रक में 20 ताबूत लेकर पहुँचे तो उन्होंने कहा कि लोग सीमाओं और वीज़ा की बातें करते हैं। लेकिन ताबूत पासपोर्ट नहीं माँगते। मौत में सब एक जैसे दिखते हैं। निलेश ने बताया कि वह रोज़ 7 ताबूत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि AI-171 विमान दुर्घटना के चलते 274 लोगों की मृत्यु हुई इसलिए उन्हें अचानक 100 ताबूतों का ऑर्डर मिला तो उन्हें समझ नहीं आया कि मांग कैसे पूरी करें। उन्होंने कहा कि मेरे पास पहले से ही 50 से ज़्यादा तैयार ताबूत स्टॉक में थे। इसलिए काम थोड़ा आसान हो गया। उन्होंने बताया कि मैं अक्सर मृतकों के पार्थिव शरीर विदेश, जैसे लंदन, अमेरिका, भेजने में मदद करता हूँ। लेकिन इस बार कुछ अलग महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि मांग के बावजूद, उन्होंने न तो कीमतें बढ़ाईं और न ही कोई एडवांस लिया। उन्होंने कहा कि “यह मुनाफ़ा कमाने का समय नहीं है।” उन्होंने कहा कि हम ताबूत यहां देने के बाद वापस वर्कशॉप पर लौट जाते हैं और फिर से काम पर जुट जाते हैं क्योंकि अभी ऑर्डर पूरा नहीं हुआ है।

हम आपको यह भी बता दें कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में आज भी मृतकों की DNA सैंपलिंग का काम जारी है। सिविल अस्पताल के बाहर परिजनों की भीड़ लगी हुई है। बताया जा रहा है कि सिविल अस्पताल में अब तक 270 से ज्यादा शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। इसके अलावा, 230 लोगों की DNA सैंपलिंग की जा चुकी है जिसमें से 8 शवों की शिनाख्त हो गई है।

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