राष्ट्रीय जजमेंट

मणिपुर: कुकी विधायकों ने राज्य में शांति बहाली के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ गुवाहाटी में बैठक की

जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के कुकी समुदाय ने शुक्रवार को निर्णय लिया कि वह तब तक केंद्र के साथ बातचीत नहीं करेगा, जब तक कि केंद्र सरकार उनके समाज के विभिन्न हितधारकों के साथ ठोस राजनीतिक संवाद शुरू नहीं करती।

मणिपुर के कई कुकी विधायकों ने विभिन्न नागरिक संस्थाओं और कुकी उग्रवादी समूहों के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को यहां बंद कमरे में बैठक की और जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के साथ अपनी भविष्य की रणनीति पर चर्चा की।

बैठक के संयोजक सचिव द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, गुवाहाटी में आज विधायकों, नागरिक समाज संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ता समूहों की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक भारत सरकार सामाजिक कार्यकर्ता समूहों के साथ ठोस राजनीतिक वार्ता पुनः आरंभ नहीं करती, नागरिक समाज संगठन और निर्वाचित प्रतिनिधि भारत सरकार या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संवाद नहीं करेंगे।

एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि समुदाय के सदस्य बुधवार और बृहस्पतिवार को असम की राजधानी पहुंचे और एक होटल में ठहरे जहां बैठक हुई। होटल के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।

माना जा रहा है कि उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि मणिपुर में अलग प्रशासन की मांग के समर्थन में केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष कैसे रखा जाए। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य में धीरे-धीरे शांति लौट रही है। अगला कदम मणिपुर में स्थायी शांति स्थापित करना है। इसलिए, सभी हितधारकों ने अब भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा शुरू कर दी है।’’

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक की पुष्टि की, लेकिन कहा कि यह प्रशासन को सूचित किए बिना हो रही है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें कल शाम बैठक के बारे में पता चला, लेकिन उन्होंने हमें सूचित नहीं किया। हमारी जानकारी के अनुसार, लगभग 15 लोग अपने आंतरिक मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।’’

केंद्र ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।

मणिपुर की आबादी में मेइती की हिस्सेदारी करीब 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी– नगा और कुकी– 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

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भुवनेश्वर में महिलाओं ने सशस्त्र बलों के सम्मान में सिंदूर यात्रा निकाली

भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाने के लिए भुवनेश्वर में शुक्रवार शाम सैकड़ों महिलाओं ने सिंदूर यात्रा निकाली। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी इसमें भाग लिया।

हाथों में राष्ट्रीय ध्वज और ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा करते वाली तख्तियां थामे प्रतिभागियों ने यहां आरडी महिला विश्वविद्यालय तक मार्च किया। इनमें छात्राएं, एनसीसी कैडेट और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल थीं।

उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा, विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी, विकास आयुक्त अनु गर्ग और पहलगाम आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले प्रशांत कुमार सत्पथी की पत्नी प्रियदर्शिनी आचार्य ने भी जुलूस में भाग लिया।

माझी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक नाम नहीं है, यह भारतीय सेना के साहस और महिलाओं के प्रति हमारे सम्मान का अनूठा संगम है। हम इस पदयात्रा के जरिए अपने बहादुर सैनिकों को याद कर रहे हैं।

परिदा ने कहा, उनके सिंदूर मिटाने के बाद आतंकवादियों ने महिलाओं से कहा कि वे जाकर मोदी को बताएं। एक सगे पिता या भाई की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को जवाब दिया है और अब उन्हें सिंदूर की कीमत का पता चल गया है।

इससे पहले दिन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उपमुख्यमंत्री के वी सिंह देव और पंचायती राज मंत्री रविनारायण नाइक ने संबलपुर शहर में तिरंगा रैली में भाग लिया। प्रधान ने कहा, आज दुनिया ने भारत की सैन्य ताकत को देखा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की वैश्विक छवि को फिर से परिभाषित किया है। भुवनेश्वर और संबलपुर के अलावा ओडिशा में विभिन्न स्थानों पर ऐसे जुलूस और तिरंगा यात्राएं आयोजित की गईं।

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राष्ट्र विरोधी तत्वों पर कार्रवाई करते हुए असम पुलिस ने चार और लोगों को गिरफ्तार किया

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया।

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें किस आरोप में गिरफ्तार किया गयाया उन्होंने क्या अपराध किये थे। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान तंपुलपुर के रोसीदुल अली, लखीमपुर के इमदादुर रहमान, होजई के अब्दुल समद और धुबरी के साहदाद अली के रूप में की गई है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पुलिस ने अब तक राज्य में 64 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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राहुल के खिलाफ बिहार में प्राथमिकी के विरोध में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन

भारतीय युवा कांग्रेस ने बिहार में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के विरोध में शुक्रवार को यहां प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बिहार की भाजपा और जनता दल (यूनाईटेड) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि राहुल गांधी सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और वह किसी फर्जी मामले से झुकने वाले नहीं हैं। वहीं दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने कहा, राहुल गांधी जी के पीछे युवाओं की शक्ति है, उन्हें कोई ताकत नहीं रोक सकती। इस प्राथमिकी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

बिहार के दरभंगा जिले के आंबेडकर छात्रावास में बिना अनुमति के ‘शिक्षा, न्याय संवाद’ कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में पुलिस ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और 100 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के राज्यव्यापी जनसंपर्क अभियान के तहत आंबेडकर छात्रावास में छात्रों से बातचीत की थी। इससे पहले जिला प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था और इसके स्थान पर वैकल्पिक स्थल का प्रस्ताव दिया था। कांग्रेस ने इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप गतिरोध उत्पन्न हो गया था।

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