दिल्ली में कृत्रिम बारिश के लिए प्रत्येक परीक्षण में 1.5 घंटे की होगी उड़ान : अधिकारी

राष्ट्रीय जजमेंट

दिल्ली में कृत्रिम बारिश के लिए पांच परीक्षण किए जाएंगे और प्रत्येक परीक्षण अलग-अलग दिन होगा। इस दौरान बादलों में रसायन डालने के लिए उड़ानें लगभग एक से डेढ़ घंटे तक की होंगी। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि परीक्षण संभवतः एक सप्ताह के भीतर किए जा सकते हैं लेकिन यह मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा। अधिकारी ने कहा, ‘‘यदि उपयुक्त मौसम हुआ तो हम एक सप्ताह के भीतर या एक या दो दिन के अंतराल पर सभी पांच परीक्षण कर सकते हैं। कार्यक्रम बादलों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।’’
पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि परीक्षणों के लिए स्थान अभी तय नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर योजना से लेकर क्रियान्वयन तक प्रयोग का नेतृत्व कर रहा है।

अधिकारी के अनुसार, संस्थान ही विभिन्न वैज्ञानिक और तार्किक कारकों के आधार पर स्थलों का चयन करेगा। सुरक्षा और हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण लुटियंस दिल्ली या इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास शहर के भीतर परीक्षण नहीं किए जा सकते।

उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर यह परीक्षण दिल्ली के बाहरी इलाकों में चलाया जाएगा, जहां मौसम संबंधी परिस्थितियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक परीक्षण के दौरान एक विमान एक से डेढ़ घंटे तक उड़ान भरेगा और सटीक कार्यक्रम जल्द ही तय कर दिया जाएगा तथा पहला परीक्षण मई के अंत या जून तक होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक नए कदम के रूप में, दिल्ली के मंत्रिमंडल ने सात मई को पांच कृत्रिम बारिश परीक्षण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसकी कुल परियोजना लागत 3.21 करोड़ रुपये है।

अधिकारी के अनुसार, इसमें परीक्षण के लिए 2.75 करोड़ रुपये (प्रति परीक्षण 55 लाख रुपये) और अन्य उपकरणों आदि के लिए 66 लाख रुपये की एकमुश्त राशि शामिल है। उन्होंने बताया कि सरकार नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सहित 13 प्रमुख विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।

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