तब 404 एकड़ जमीन को वक्फ बोर्ड ने बताया अपना, अब मोदी सरकार के वक्फ बिल पर खुलकर समर्थन कर रहा कैथोलिक बिशप्स काउंसिल

राष्ट्रीय जजमेंट

केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) ने सांसदों से वक्फ अधिनियम के असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण प्रावधानों में संशोधन के पक्ष में मतदान करने का आग्रह किया। केसीबीसी सचिवालय के फादर थॉमस थारायिल ने कहा कि वक्फ कानून के प्रावधान, जो अवैध दावों को इस तरह से वैध बनाते हैं कि मुनंबम में लोग भूमि पर अपने राजस्व दावों का प्रयोग करने में असमर्थ हैं।केसीबीसी ने एक बयान में कहा कि मुनंबम के निवासियों को जमीन बेचने वाले फारूक कॉलेज प्रबंधन ने दावा किया है कि संबंधित जमीन उपहार के रूप में मिली थी, सांसदों को वक्फ बिल में संशोधन करने में सहयोग करना चाहिए, जिसमें इसके खिलाफ दावे उठाने के प्रावधान हैं। केसीबीसी प्रत्येक सांसद को एक पत्र भेजेगा जिसमें वक्फ बिल में संशोधन के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध किया जाएगा। एर्नाकुलम जिले के तटीय गांव मुनंबम के करीब 610 परिवार वक्फ बोर्ड द्वारा उनकी जमीन पर किए गए दावे का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल के रुख का स्वागत किया। पिछले साल केरल राज्य वक्फ बोर्ड ने एर्नाकुलम के पास मुनंबम तटीय क्षेत्र में रहने वाले 600 ईसाई और हिंदू परिवारों को 404 एकड़ जमीन को अपना बता दिया। ये जमीन इन परिवारों के पास पीढ़ियों से थी। वक्फ बोर्ड द्वारा किए गए दावे में कहा गया था कि यह जमीन फारूक कॉलेज ने दशकों पहले वक्फ के तौर पर दी थी, जबकि वहां रहने वाले कई परिवारों ने दस्तावेजों के साथ पुष्टि की कि यह जमीन उनके परिवार के सदस्यों ने कई साल पहले फारूक कॉलेज के मालिकों से खरीदी थी। इस बात को लेकर पूरे केरल में वक्फ बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। कैथोलिक बिशपों की सबसे बड़ी संस्था केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल यानी केसीबीसी ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ लोगों के विरोध का समर्थन किया और मामला राजनीतिक रूप से गरमा गया। केसीबीसी का यह कदम केरल में सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ के लिए झटका है। अब केसीबीसी ने मुनंबम भूमि विवाद को केंद्र में रखते हुए बड़ा झटका दिया है। केसीबीसी ने केरल के सभी निर्वाचित सांसदों से मुनंबम में रहने वाले परिवारों के अधिकारों की रक्षा के लिए वक्फ विधेयक में संशोधन का समर्थन करने की अपील की है। केसीबीसी का यह फैसला भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से बड़ी सफलता हो सकती है, जो केरल में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की पुरजोर कोशिश कर रही है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसे समझने के लिए केसीबीसी की ताकत को समझना होगा। केसीबीसी केरल में सिरो मालाबार, सिरो मलंकारा और लैटिन चर्चों के बिशपों का एक बड़ा और प्रभावशाली संगठन है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More