विपक्ष ने पूछा- क्या रेलवे को मित्रों को देने की तैयारी है? अश्विनी वैष्णव ने दिया जवाब

राष्ट्रीय जजमेंट

संसद के दोनों सदनों में आज रेल मंत्रालय के कामकाज और अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने रेल मंत्री को जोरदार तरीके से घेरा। कांग्रेस ने तो भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति को चिंताजनक करार देते हुए दावा किया कि देश की यह जीवनरेखा आज ‘वेंटिलेटर’ पर है और ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसे ‘मित्रों के हवाले करने’ की तैयारी है। हालांकि अपने जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति अच्छी है और इसमें लगातार सुधार के प्रयास जारी हैं। रेल मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुयी चर्चा का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने कोविड महामारी से जुड़ी चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया है और यात्रियों की संख्या बढ़ रही है और यात्री तथा माल यातायात दोनों में वृद्धि देखी जा रही है।
रेल मंत्री का बयान रेल मंत्री ने कहा कि 2023-24 के दौरान, भारतीय रेलवे ने 2,75,000 करोड़ रुपये के खर्च के मुकाबले लगभग 2,78,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। उन्होंने कहा कि खर्च के प्रमुख घटकों में कर्मचारी लागत (1,16,000 करोड़ रुपये), पेंशन भुगतान (66,000 करोड़ रुपये), ऊर्जा व्यय (32,000 करोड़ रुपये) और वित्तपोषण लागत (25,000 करोड़ रुपये) शामिल हैं। वैष्णव ने कहा कि अच्छे प्रदर्शन के कारण रेलवे अपने खर्चों को अपनी आय से पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, रेलवे की वित्तीय स्थिति अच्छी है और इसे लगातार सुधारने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे माल ढुलाई से राजस्व अर्जित करते हुए यात्री किराए में सब्सिडी देता है। उन्होंने कहा कि प्रति किलोमीटर वास्तविक लागत 1.38 रुपये है जबकि यात्रियों से 72 पैसे ही लिए जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2023-24 के लिए कुल यात्री सब्सिडी करीब 57,000 करोड़ रुपये होगी।वैष्णव ने कहा कि पड़ोसी देशों की तुलना में भारतीय रेल किराया सबसे कम है। उन्होंने कहा कि अगर 350 किलोमीटर की यात्रा को देखें, तो भारत में सामान्य श्रेणी का किराया 121 रुपये है, पाकिस्तान में 400 रुपये, श्रीलंका में 413 रुपये। उन्होंने कहा कि 2020 से किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऊर्जा लागत 30,000-32,000 करोड़ रुपये पर स्थिर है और रेलवे को 2019 के बाद लागू किए गए विद्युतीकरण पहल से वित्तीय लाभ हुआ है। मंत्री ने यात्री और माल ढुलाई में वृद्धि सहित कई उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जलदी ही भारतीय रेलवे 1.6 अरब टन माल ढुलाई क्षमता के साथ दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल हो जाएगा और वह केवल चीन एवं अमेरिका से पीछे है।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में घोषणा की कि बिहार के मढौरा स्थित रेल कारखाने में तैयार होने वाले लोकोमोटिव का बहुत जल्द निर्यात शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘निकट भविष्य में, बिहार में जिस फैक्टरी की लालू प्रसाद जी (तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद) ने सिर्फ घोषणा की थी, काम नहीं किया…2014 से उस फैक्टरी पर काम चालू किया गया। बिहार में सारण के मढौरा में, इस फैक्टरी में बने करीब 100 लोकोमोटिव का बहुत जल्द निर्यात शुरू होने वाला है। मेड इन बिहार लोकोमोटिव दुनिया में जाने वाला है।’’ इस घोषणा का सदस्यों ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया। लालू प्रसाद 2004 से 2009 तक कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे। इसके साथ ही वैष्णव ने कहा कि भारत अब ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच का निर्यात कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत ब्रिटेन, सऊदी अरब, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया को भी रेल डिब्बों के अहम उपकरणों का निर्यात कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत से रेल के डिब्बों और लोकोमोटिव का भी विभिन्न देशों को निर्यात किया जा रहा है।संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा को आश्वस्त किया कि सरकार संसद के दोनों सदनों में मंत्रियों द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेती है क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। प्रश्नकाल के दौरान उच्च सदन में पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम संसदीय लोकतंत्र के महत्व को समझते हैं। अगर संसद सदस्य सवाल पूछते हैं और सरकार जवाब देती है, तो यह सबसे महत्वपूर्ण है कि आश्वासन पूरा किया जाए। इन आश्वासनों को तीन माह में पूरा करना होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (आश्वासन) पूरे नहीं होते हैं, तो यह संसदीय लोकतंत्र पर एक धब्बा होगा।’’ रीजीजू ने कहा कि संसद का नियम है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को तीन महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए और विस्तार के लिए भी प्रक्रियाएं हैं।उन्होंने कहा, ‘‘हम संसद में सरकार द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेते हैं। संसद के पटल पर दिए गए आश्वासनों को पूरा करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है।’’ रीजीजू ने कहा कि उन्होंने हाल ही में सरकार के सभी मंत्रियों को पत्र लिखकर आश्वासनों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सांसदों द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब भी एक महीने के भीतर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) ने आश्वासनों को पूरा करने में मदद की है।
वहीं संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री एल मुरुगन ने सदन को बताया कि 99 प्रतिशत आश्वासनों को लागू किया जा चुका है। मुरुगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर नौ अक्टूबर 2018 को ऑनलाइन आश्वसन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) शुरू की गई। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली निगरानी करती है कि कितने आश्वासन दिए गए और कितनों को पूरा किया गया। मुरुगन ने कहा कि यह प्रणाली प्रमुख विशेषताओं और तंत्रों को एकीकृत करके जवाबदेही, पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि ओएएमएस एक एकल डिजिटल संग्रह प्रदान करता है, जहां सभी आश्वासनों को रिकॉर्ड किया जाता है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है और आश्वासनों को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्धताओं का ट्रैक खोने का जोखिम समाप्त होता है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली सभी हितधारकों को लंबित आश्वासनों पर कार्रवाई करने के लिए समय पर अलर्ट भेजती है, जिससे समयसीमा का पालन होता है। मुरुगन ने कहा कि मंत्रालय और विभाग प्रगति की अद्यतन जानकारी को सीधे सिस्टम में लॉग कर सकते हैं, जिससे हितधारकों के लिए सटीक और अद्यतित जानकारी सुनिश्चित होती है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य को केवल एक पूरक प्रश्न पूछना चाहिए। इस पर, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस पहलू पर गौर करेंगे।हवाई अड्डों पर यात्रियों की सुविधा और उनकी सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए सरकार ने कहा कि तात्कालिक आवश्यकता की स्थिति में और चेक-इन तथा बैगेज ड्रॉप करने में असमर्थ यात्रियों की मदद के लिए एयरलाइन प्रचालक अतिरिक्त काउंटर संचालित करते हैं। प्रश्नकाल के दौरान उच्च सदन में नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से पूरक प्रश्न पूछते हुए शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने दिल्ली में हाल ही में हुई एक घटना का जिक्र किया जिसमें करीब 80 वर्ष की एक बुजुर्ग महिला हवाई अड्डे पर व्हील चेयर का इंतजार कर रही थीं और एक घटना में वह घायल हो गईं। नायडू ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मंत्रालय ने इस घटना पर तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए मंत्रालय ने दिशानिर्देश दिए हैं कि आवश्यकता के अनुसार, यात्रियों को व्हील चेयर मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से और डीजीसीआई की ओर से पीड़ित के परिजन से तत्काल बातचीत की गई तथा संबंधित एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज की जांच कर पता लगाया जा रहा है कि वास्तव में क्या हुआ था। नायडू ने कहा ‘‘इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और जांच की जा रही है। भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।’’ प्रियंका ने लंबी दूरी की उड़ानों में समुचित रखरखाव के अभाव में शौचालय के ‘काम न करने’ की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे में यात्रियों को खासी परेशानी होती है। इस पर मंत्री ने कहा कि एयरलाइनों के कामकाज पर नजर रखी जाती है और उनसे कहा गया है कि इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए हवाईअड्डों पर चेक इन काउंटरों की संख्या व्यस्ततम समय के दौरान किसी भी टर्मिनल पर संभावित यात्रियों की संख्या के अनुरूप होती है। वर्तमान में दिल्ली हवाई अड्डे सहित प्रमुख हवाई अड्डों पर पर्याप्त चेक इन काउंटर हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर दिसंबर 2024 में 343 काउंटर थे। मंत्री ने बताया कि चेक इन काउंटरों की संख्या हवाईअड्डा द्वारा ‘इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ (आईएटीए) के अनुसार टर्मिनल प्लानिंग मानकों का उपयोग कर तय की जाती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सामिक भट्टाचार्य ने सरकार से बांग्लादेशी उपन्यासकार तसलीमा नसरीन की सुरक्षित कोलकाता वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि तस्लीमा ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए अत्याचार के बारे में ‘लज्जा’ जैसी पुस्तक लिखी थी और वहां की मौजूदा स्थिति ने उन्हें 2004 में बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर किया। उन्होंने याद किया कि बाद में उन्हें कोलकाता में शरण मिली, लेकिन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसे कांग्रेस के एक तत्कालीन नेता ने ‘आयोजित’ किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस नेतृत्व का शुक्रगुजार हूं। कांग्रेस ने उस व्यक्ति को निष्कासित कर दिया… इसके अलावा सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उस निष्कासन के बाद, तृणमूल कांग्रेस ने इस व्यक्ति को स्वीकार कर लिया और फिर उस व्यक्ति को इस देश की संसद में भेज दिया।’’ उन्होंने कहा कि स्थिति ने नसरीन को फिर से कोलकाता छोड़ने के लिए मजबूर किया। भाजपा सदस्य ने कहा कि तस्लीमा कोलकाता वापस आकर कविता और उपन्यास लिखना चाहती हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से उनकी कोलकाता वापसी की व्यवस्था करने का आग्रह किया।राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने ट्रेन दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए आम आदमी के लिए ट्रेन सुविधाएं बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया वहीं बसपा के एक सदस्य ने गरीबों के लिए वंदे भारत ट्रेन शुरू किए जाने का सुझाव दिया। उच्च सदन में रेलवे मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बहुजन समाज पार्टी के रामजी ने कहा कि रेलवे देश के लिए जीवनरेखा के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन देश में दो से ढाई करोड़ लोग यात्रा कर रहे हैं इसलिए सरकार का दायित्व बनता है कि वह यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के साथ आमदनी बढ़ाने के उपायों पर जोर दे। उन्होंने कहा कि जाड़ों में कोहरे के कारण ट्रेनों में विलंब होता है किंतु इन दिनों कौन सा कोहरा है, जो ट्रेनें देर से चल रही हैं। उन्होंने सरकार को गरीबों के लिए भी वंदे भारत ट्रेनें चलाने का सुझाव दिया। रामजी ने मांग की कि ट्रेनों में सामान्य कोच अधिक संख्या में लगाये जायें ताकि गरीब यात्रियों को सुविधा मिल सके। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि रेल मंत्री को अपना ध्यान गरीबों एवं किसानों पर केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर केवल नयी ट्रेनों पर ही नहीं होना चाहिए बल्कि पुरानी ट्रेनों में सुख सुविधाएं बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को रेलवे के आउटसोर्स किए गए कामों के परिणामों की समीक्षा कर देखना चाहिए कि कहीं उनकी गुणवत्ता में गिरावट तो नहीं आ रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की फौजिया खान ने कहा कि हम विकसित भारत की बात करते हैं किंतु यह नहीं भूलना चाहिए कि एक वंचित भारत है जो साधारण ट्रेनों के खचाखच भरे डिब्बों में चलता है। राकांपा सदस्य ने कहा कि वंचित भारत के प्रति सहानुभूति दिखायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ट्रेनों में यात्रा करने वाले छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की जरूरतों का भी ध्यान रखे। तृणमूल कांग्रेस के रीताव्रत बनर्जी ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों के लिए रेलवे का बजट लगभग उपेक्षित रहता है। उन्होंने दावा किया कि इस बार भी ऐसे राज्यों के रेल बजट में कटौती हुई जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है जिसके रेल बजट में 5.6 फीसदी की कमी कर दी गई। उन्होंने कहा ‘‘आखिर सरकार की प्राथमिकता क्या है? क्या माल भाड़ा गलियारे की तुलना में बुलेट ट्रेन अधिक महत्वपूर्ण है? पूर्वी समर्पित माल भाड़ा गलियारे का कुछ हिस्सा अब तक पूरा नहीं हो पाया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी जब रेल मंत्री थीं तब उन्होंने पत्रकारों के लिए रेलवे में रियायती यात्रा की एक योजना शुरू की थी लेकिन कोविड काल में केंद्र सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया। ‘‘इसे शुरु करना चाहिए।’’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एए रहीम ने कहा कि अक्तूबर 2024 में एक आदेश जारी कर बाहर निकाले गये कर्मचारियों को अनुबंध पर रखा गया। उन्होंने इस आदेश को देश के युवाओं के लिए बहुत निराशाजनक बताते हुए मांग की कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे की लापरवाही के कारण पिछले पांच साल में 361 कर्मचारियों ने पटरियों पर अपनी जान गंवायी है। उन्होंने कहा कि सरकार को यात्रियों एवं रेल कर्मियों की सुरक्षा के लिए समुचित उपाय करने चाहिए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पीपी सुनीर ने कहा कि रेल बजट को आम बजट में मिला देना सरकार की एक भारी भूल थी। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाबदेही की ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि देश में ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां वंदे भारत ट्रेन सुर्खियों में छायी हुई है वहीं आम यात्री सामान्य डिब्बों में तमाम परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

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