दिल्ली के उपराज्यपाल ने भलस्वा लैंडफिल साइट पर बांस के पौधे लगा वृक्षारोपण की शुरुआत की

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आज भलस्वा लैंडफिल साइट पर कचरे की बायो माइनिंग के पश्चात पुनः प्राप्त हुई 5 एकड़ भूमि पर बांस के पौधे लगा कर वृक्षारोपण कार्य का शुभारंभ किया। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता,उत्तरी पश्चिमी दिल्ली से सांसद योगेंद्र चांदोलिया, दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा, बादली के विधायक दीपक चौधरी, स्थानीय पार्षद गायत्री चौधरी, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, निगमायुक्त अश्वनी कुमार,अतिरिक्त आयुक्त जितेन्द्र यादव,अतिरिक्त आयुक्त पंकज नरेश अग्रवाल सहित दिल्ली सरकार एवं दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

भलस्वा लैंडफिल साइट पर वृक्षारोपण कार्य का शुभारंभ करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में नई शुरुआत हो रही है।उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में जो मेहनत करके जमीन को खाली कराया गया था वहां वृक्षारोपण की शुरुआत हुई है। माननीय उपराज्यपाल ने बताया कि पुनः प्राप्त हुई 5 एकड़ भूमि पर 2000 बांस के पौधे लगाए गए हैं और आने वाले एक से डेढ़ महीने में 54000 बांस के पौधे लगाए जाएंगे।

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यहां पर बांस के पौधे जान बूझ कर लगाए गए हैं क्योंकि बांस 30% अधिक तक ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है और इसे कम पानी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली एक प्रदूषित शहर है और हमारी सरकार इससे प्रदूषणरहित करने वाली है और इस दिशा में यह पहला कदम है। उपराज्यपाल ने बताया कि बांस एक साल में 20 से 25 फीट के हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आन वाले समय में जब आप लोग हाइवे से गुजरेंगे तो आपको कूड़े के पहाड़ नहीं बल्कि हरित क्षेत्र दिखाई देगा। हमारी सरकार का सपना है कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाएंगे और इस दिशा में पहला कदम उठाने एक लिए मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करता हूँ।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी इस अवसर पर वृक्षारोपण किया एवं उपराज्यपाल का धन्यवाद किया कि उन्होंने बड़ी मेहनत से इस परियोजना की देखरेख की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें केवल कूड़े के पहाड़ों की बातें करती रही लेकिन इन पहाड़ों का सिरा भी नहीं पकड़ पाई। लैंडफिल साइट पर वास्तविकता में जो कार्य हो रहे हैं और जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं वो केंद्र सरकार के सहयोग से फलीभूत हो पाए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लैंडफिल साइट से प्राप्त मैटीरियल का इस्तेमाल एन एच ए आई,केंद्र सरकार की परियोजनाओं में इस्तेमाल किया गया है एवं इसके अलावा डीडीए द्वारा भी भूमि की भराई में लाखों टन मैटीरियल इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक अकृतज्ञ कार्य था। मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि जैसे केदारनाथजी में बादल फटने के कारण आई त्रासदी के समय एक शिला ने मंदिर को बचाया था। उस शिला के कारण बादल फटने से आई बाढ़ में मंदिर को बहने से बचाया था ऐसे ही शिला का कार्य उपराज्यपाल ने पिछली सरकार के समय दिल्ली के प्रांगण को बचाने में किया है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि आन वाले समय में लैंडफिल साइट की मासिक आधार पर निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम तीनों लैंडफिल साइट का निरीक्षण करेंगे और साल भर में इनकी ऊंचाई खत्म करके यहां हरित क्षेत्र विकसित करेंगे। दिल्ली को साफ एवं स्वच्छ बनाने के लिए हमारी सरकार मिशन मोड में कार्य कर रही है एवं डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से काम करेगी।

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