नेपाली ड्रग सप्लायरों के गिरोह का भंडाफोड़, अमर कॉलोनी में चार किलो चरस के साथ पांच गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिण-पूर्व जिले के एंटी-नारकोटिक्स स्क्वॉड की टीम ने पांच ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। टीम ने उनके कब्जे से 3.965 किलोग्राम चरस, एक कार, नौ मोबाइल फोन, 42280 रुपये की नकदी और पैकेजिंग सामग्री बरामद की है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान श्रीनिवासपुरी निवासी राम, 24 वर्षीय गढ़ी गांव निवासी साजित थुलुंग, 26 वर्षीय गढ़ी गांव निवासी सुनील लामा और 22 वर्षीय गढ़ी गांव निवासी शिव राज राय के रूप में हुई है। चारों आरोपी मूल नेपाल के रहने वाले है और अन्य एक की पहचान 49 वर्षीय कालकाजी निवासी रमन रात्रा के रूप में हुई है।

दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि ड्रग्स को रोकने के लिए जिले की एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड की टीम इंस्पेक्टर विष्णु दत्त के नेतृत्व में लगातार कड़ी कार्यवाही कर रही हैं। टीम के हेड कांस्टेबल प्रदीप को 22 फरवरी को अमर कॉलोनी में चरस की आपूर्ति करने वाले एक नेपाली गिरोह के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। सूचना पर कार्रवाई करते हुए, टीम ने अमर कॉलोनी में एक कार को रोका, जिसमें गिरोह के दो सदस्य चरस बेचने जा रहे थे। उनकी पहचान साजित थुलुंग और रमन रात्रा के रूप में हुई। उनके कब्जे से 291 ग्राम चरस और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। अमर कॉलोनी में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

आगे की जांच के दौरान दो अन्य नेपाली ड्रग तस्करों सुनील लामा और शिव राज राय को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 3.674 किलोग्राम चरस, 20280 रुपये नकद, पैकेजिंग सामग्री और चार मोबाइल फोन बरामद किए गए। मामले की आगे की जांच में पता चला कि इस पूरे गिरोह को नेपाली राम संचालित कर रहा है। टीम ने 24 फरवरी को श्रीनिवासपुरी में उसके ठिकाने पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया गया। उसे साथ ही उसके पास से तीन मोबाइल फोन और 22000 रुपये नकद बरामद किए गए।

डीसीपी ने बताया कि लगातार पूछताछ में गिरफ्तार किए गए आरोपी सजित थुलुंग, सुनील लामा और शिव राज राय ने खुलासा किया कि वे थाना अमर कॉलोनी क्षेत्र में रहते थे, जहां से वे अपने सरगना राम के आदेश पर इस ड्रग सिंडिकेट को चलाते थे। उन्होंने नेपाल से चरस खरीदा था, जिसे आगे चोरी-छिपे भारत लाया जाता था। आरोपी रमन रात्रा ने परिवहन के लिए ऑल्टो कार दी थी जिससे दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा में अलग-अलग जगहों पर चरस की सप्लाई करते थे। फिलहाल मामले में आगे की जांच की जा रही हैं।

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