बांग्लादेश सीमा पर हालात सामान्य, घुसपैठ और तस्करी रोकने के लिए बीएसएफ पूरी तरह मुस्तैद : महानिदेशक

राष्ट्रीय जजमेंट

इंदौर (मध्यप्रदेश) । सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश से लगी देश की सरहदों पर हालात सामान्य हैं और घुसपैठ व तस्करी जैसी घटनाएं रोकने के लिए बीएसएफ पूरी तरह मुस्तैद है। चौधरी ने इंदौर में बीएसएफ की 52वीं अंतर सीमांत प्लाटून हथियार निशानेबाजी स्पर्धा के उद्घाटन के बाद ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत में कहा कि बांग्लादेश से लगती देश की सरहदों से जुड़ी तमाम चुनौतियों के मद्देनजर बीएसएफ मुस्तैद है और वहां हालात ‘‘सामान्य’’ हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा प्रयास यही है कि इन सीमाओं पर किसी भी तरह की घुसपैठ, तस्करी या ऐसी कोई भी हरकत न होने पाए जिससे हमारी देश की सुरक्षा पर कोई असर पड़े।’’ चौधरी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सरहदों पर ड्रोन के खतरों से निपटने के लिए बीएसएफ ने खुद को अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों से लैस किया है। पाकिस्तान की ओर से खासकर पंजाब के सीमाई इलाकों में नशीले पदार्थ और हथियार भेजने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में पूछे जाने पर बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि बीएसएफ की ड्रोन रोधी तकनीकों की बदौलत ऐसी घटनाओं में ‘‘जबर्दस्त कमी’’ आई है।चौधरी ने कहा,‘‘हमने अपनी सशक्त रक्षा तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सीमा पार से आए कई ड्रोन पकड़े हैं और उन्हें मार गिराया है।’’ केंद्र सरकार ने देश में नक्सलवाद की समस्या को मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। इस बारे में पूछे जाने पर बीएसएफ प्रमुख ने कहा, ‘‘ नक्लसवाद से निपटने के लिए हम छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के अलग-अलग इलाकों में तैनात हैं। हमारा संकल्प है कि हम तय समय-सीमा से पहले इन इलाकों को नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे। हम अपना यह संकल्प पूरा करके दिखाएंगे।’’ चौधरी ने 52वीं अंतर सीमांत प्लाटून हथियार निशानेबाजी स्पर्धा के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता में शामिल हो रहे बीएसएफ कर्मियों के अचूक निशाने को देखकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि देश की सरहदों की रखवाली की जिम्मेदारी सुरक्षित हाथों में है। इस छह दिवसीय प्रतियोगिता की मेजबानी बीएसएफ का इंदौर स्थित केंद्रीय आयुध और युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्यूटी) कर रहा है। निशानेबाजी प्रतियोगिता में बीएसएफ के सभी 11 सीमांत हिस्सा ले रहे हैं। खास बात यह है कि इस स्पर्धा में उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है जिनकी मदद से बीएसएफ के जांबाज जवान वास्तविक मोर्चों पर दुश्मन सैनिकों और आतंकवादियों से निपटते हैं।

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