विपक्ष ने JPC की बैठक का किया बहिष्कार, अवधि बढ़ाने की मांग की

राष्ट्रीय जजमेंट

वक्फ संशोधन बिल पर विपक्ष ने जेपीसी की बैठक का बहिष्कार किया है। विपक्षी नेताओं ने यह कहते हुए बैठक बीच में छोड़ दी कि अध्यक्ष ने 29 नवंबर को जेपीसी की वक्फ (संशोधन) रिपोर्ट का मसौदा पेश करने की घोषणा की थी, जिसका सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है। विपक्षी नेताओं ने जेपीसी की अवधि बढ़ाने की मांग की है। आप सांसद और जेपीसी सदस्य संजय सिंह ने कहा कि जब तक रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया जाता, सभी हितधारकों को सुना नहीं जाता और जेपीसी का दौरा पूरा नहीं हो जाता- मुझे लगता है कि उससे पहले मसौदा रिपोर्ट जमा करना गलत है।

आप नेता ने कहा कि स्पीकर ने हमें आश्वासन दिया था कि वह जेपीसी का समय बढ़ाएंगे। इन सब बातों को दरकिनार करते हुए आप कह रहे हैं कि ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपने के लिए तैयार है। आपने दिल्ली सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार, पंजाब सरकार, यूपी सरकार के बारे में नहीं सुना है। एआईएमआईएम सांसद और जेपीसी सदस्य असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि शासनादेश है कि रिपोर्ट 29 नवंबर को दी जाए। हम कैसे दे सकते हैं, इसकी एक प्रक्रिया है जिसका पालन किया जाना चाहिए जो कि नहीं किया गया।’

उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समिति ने बिहार, पश्चिम बंगाल का दौरा नहीं किया है। ऐसे कई हितधारक हैं कि हम चाहते हैं कि वे आएं। यह समिति सभी हितधारकों को आने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है? भाजपा सदस्य जगदंबिका पाल के नेतृत्व वाली संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा शुक्रवार को है। ऐसी संभावना है कि समिति को अपनी मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा सहित शेष कार्य को पूरा करने के लिए कार्यकाल विस्तार दिया जा सकता है। पाल ने पिछले दिनों कहा था कि मसौदा रिपोर्ट तैयार है, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने अधिक गहन चर्चा के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने अपनी मांग को लेकर सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की थी।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More