जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद से बदल गये हैं फारूक और उमर अब्दुल्ला के तेवर

राष्ट्रीय जजमेंट

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद से नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के सुर बदल गये हैं। चुनाव प्रचार के दौरान अब्दुल्लाओं ने 370 की बहाली कराने को जोरशोर से मुद्दा बनाया लेकिन सरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा तक नहीं हुई। वहीं चुनावों के दौरान पाकिस्तान से वार्ता की वकालत करते रहे फारूक अब्दुल्ला अब कह रहे हैं कि जब तक पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर में हत्याएं बंद नहीं करता तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत नहीं हो सकती।
जहां तक उमर अब्दुल्ला की बात है तो आपको बता दें कि चुनावों के दौरान वह कहते रहे थे कि दिल्ली साजिशों में व्यस्त है लेकिन अब वह कह रहे हैं कि वह दिल्ली के साथ काम करना चाहते हैं और दिल्ली को भरोसे में लेकर काम करेंगे। यही नहीं, उनकी कैबिनेट ने जो पहला प्रस्ताव पास किया उसमें अनुच्छेद 370 के बारे में कुछ नहीं कहा गया बल्कि सिर्फ जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की माँग की गयी।दूसरी ओर, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर इस्लामाबाद भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखना चाहता है तो उसे यहां आतंकवादी घटनाएं रोकनी होंगी। पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर में हत्याएं बंद नहीं करता, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत नहीं हो सकती। अब्दुल्ला ने रविवार को गांदरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकवादी हमले पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि भारत को क्या कदम उठाना चाहिए, यह केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। यह हमारे लिए एक समस्या है और हम इसे वर्षों से झेल रहे हैं। मैं इसे 30 वर्ष से देख रहा हूं। मैंने उन्हें कई बार कहा है कि वे इसे रोकें लेकिन उनकी सोच ही ऐसी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत कैसे हो सकती है? आप हमारे निर्दोष लोगों को मारते हैं और फिर बातचीत के लिए कहते हैं। पहले हत्याएं करना बंद करो।’’पूर्व मुख्यमंत्री ने इस हमले को दर्दनाक घटना बताते हुए कहा कि इसमें यहां आजीविका कमाने आए गरीब लोग मारे गए। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह बहुत ही दर्दनाक घटना है। गरीब मजदूर यहां आजीविका के लिए आते हैं ताकि वे अपने परिवारों का पेट भर सकें। इन दरिंदों ने उनकी हत्या कर दी। उनके साथ मारे गए लोगों में हमारा एक चिकित्सक भी था। उसने भी अपनी जान गंवा दी।’’ अब्दुल्ला ने कहा कि यदि आतंकवादी सोचते हैं कि वे इस तरह के कृत्यों से जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी हुकूमत स्थापित कर लेंगे तो यह उनकी गलतफहमी है।नेकां अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इन दरिंदों को क्या मिलेगा? क्या वे सोचते हैं कि वे यहां पाकिस्तान स्थापित करेंगे? हम कई वर्षों से देख रहे हैं कि वे (आतंकवादी) वहां से आ रहे हैं। हम इस समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम अपनी मुश्किलों से बाहर आ सकें। मैं पाकिस्तान के शासकों से कहना चाहता हूं कि अगर वे वास्तव में भारत के साथ दोस्ती चाहते हैं तो उन्हें यह बंद कर देना चाहिए। कश्मीर, पाकिस्तान (का हिस्सा) नहीं बनेगा।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर के लोगों को शांति और सम्मान से रहने देना चाहिए तथा उसे अपने देश के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More