आरजी कर मेडिकल कॉलेज में इस्तीफों की झड़ी, जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में 40 ने किया पद छोड़ने का फैसला

राष्ट्रीय जजमेंट

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 40 से अधिक वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपने कनिष्ठ सहयोगियों के समर्थन में 8 अक्टूबर को अपना इस्तीफा दे दिया, जो 10 मांगों की सूची के साथ धर्मतला में भूख हड़ताल पर हैं। आज इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ डॉक्टरों के बयान के अनुसार, सामूहिक इस्तीफे का उद्देश्य अपनी मांगों को पूरा करना है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर 5 अक्टूबर को आमरण अनशन पर बैठ गए और दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं की हैं।डॉक्टरों ने शुक्रवार को धर्मतला में डोरिना क्रॉसिंग पर धरना शुरू कर दिया था, जिसमें राज्य सरकार को वादे के मुताबिक उनकी मांगों को पूरा करने के लिए 24 घंटे की समय सीमा तय की गई थी। एक जूनियर डॉक्टर ने कहा कि राज्य सरकार समय सीमा में विफल रही है और इसलिए हम अपनी मांगें पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, हमने मंच पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जहां हमारे सहयोगी अनशन करेंगे। डॉक्टर ने कहा कि वे वादे के मुताबिक ड्यूटी ज्वाइन करेंगे लेकिन कुछ नहीं खाएंगे।बीते दिनों आरजी कर कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। घटना में सामूहिक बलात्कार का कोई सबूत नहीं मिला है। डेढ़ महीने की लंबी जांच, कई गवाहों और आरोपियों के बयान दर्ज करने और डीएनए परीक्षण सहित विस्तृत फोरेंसिक विश्लेषण के बाद कोलकाता की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि रॉय ने कथित तौर पर 9 अगस्त को अपराध किया था जब पीड़िता सो गई थी। सीबीआई ने कहा कि सारे सबूत संजय रॉय की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं। मामले में आगे की जांच जारी है। सीबीआई चार्जशीट में 200 लोगों के बयान दर्ज हैं।

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