सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदिवासियों को जंगल खाली करने के फैसले के विरोध में, 5 मार्च को आदिवासियों और दलितों ने किया भारत बंद का आह्वान

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देश के कई राज्यों में दलितों और आदिवासियों ने 5 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है। आदिवासियों द्वारा बंद का आह्वान सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विरोध में किया जा रहा है जिसमें बड़े स्तर पर आदिवासियों को जंगल खाली करने का आदेश दिया गया था। बीते 13 फरवरी को यह फैसला सुनाया गया था, हालांकि
बाद में इस फैसले पर रोक लगा दी गई है। बावजूद कई संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले का विरोध किया जा रहा है। आदिवासी जनसंख्या वाले राज्य जैसे गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीगढ़, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बंद का असर ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है।
दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने 21 राज्यों को 11.8 लाख वनवासियों और आदिवासियों को बेदखल करने के लिए 13 फरवरी को आदेश दिया था। हालांकि, बाद में 13 फरवरी के निर्देश पर रोक लगा दी गई। जंगल की जमीन पर इन वनवासियों के दावे अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिये थे।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इन राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे वनवासियों के दावे अस्वीकार करने के लिये अपनायी गयी प्रक्रिया के विवरण के साथ हलफनामे दाखिल करें। पीठ इस मामले में अब 10 जुलाई को आगे विचार करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने 21 राज्यों को उन आदिवासियों और वनवासियों को बेदखल करने को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में उसे अवगत कराने को कहा था, जिनका वनभूमि पर दावा खारिज कर दिया गया था। शीर्ष न्यायालय ने 13 फरवरी को संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा था कि जिन आदिवासियों-वनवासियों के खिलाफ जमीन से बेदखल किये जाने का आदेश जारी हुआ था,
उन्हें हटाया गया या नहीं और अगर ऐसा नहीं हुआ है तो वजह बतायी जाए। जिन राज्यों के मामले हैं उनमें-आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और मणिपुर का नाम है।

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