तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए BJP ने बनाया मास्टर प्लान, Congress परिवारवाद में उलझी

राष्ट्रीय जजमेंट

तमाम ग्राउंड रिपोर्ट, राजनीति के जानकारों के अनुमान और ओपिनियन पोल के नतीजे हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर सामने आ रहे हैं। जिसमें सबका ‘सियासी निचोड़’ यही कहता दिख रहा कि कांग्रेस की दस साल बाद शायद ही हरियाणा की सत्‍ता में वापसी हो। हरियाणा में भाजपा सरकार बनाने की हैट्रिक भी बना सकती है। दरअसल, विधानसभा चुनाव 2024 के मैदान में सारे योद्धा उतारे चुके हैं। टिकट वितरण और नामांकन प्रकिया पूरी तरह से थम चुकी है। 13 सितंबर को नामांकन पत्रों की छंटनी और 16 सितंबर को नाम वापसी के बाद मैदान में डटे रहने वाले उम्‍मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। राज्य की सभी 90 सीटों पर एक साथ 5 अक्‍टूबर को वोट डाले जाएंगे और 8 अक्‍टूबर को नतीजे आएंगे।

साल 2014 और 2019 के बाद हरियाणा में अबकी बार भी भाजपा सरकार। इस दावे की पीछे की यह वजह बताई जा रही है कि कांग्रेस का परिवारवाद पीछा नहीं छोड़ रहा। केंद्र हो या राज्‍य। हर जगह कांग्रेस में परिवारवाद हावी है। जिसकी एक बानगी टिकट वितरण में सिरसा सांसद व दलित नेता कुमारी शैलजा से ज्‍यादा हुड्डा परिवार को तरजीह मिलना भी है।

हुड्डा गुट को पहली सूची में 28 टिकट

विधानसभा चुनाव 2024 में टिकट वितरण से पहले तक तो कांग्रेस के लिए जीत की थोड़ी-बहुत संभावनाएं दिख रही थी, मगर टिकटों ऐसे बांटी गई कि परिवारवाद हावी रहा। जहाँ पहली सूची में 32 उम्‍मीदवार उतारे थे। उनमें 28 मौजूदा विधायकों पर दांव लगाया गया। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की मानें तो पहली सूची में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के 28 और कुमारी शैलजा गुट के मात्र 4 उम्‍मीदवारों को ही टिकट मिला है। उम्‍मीदवारों की अन्‍य सूचियों की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही रही है।

भाजपा से दोगुना परिवारवाद कांग्रेस में

हरियाणा में कांग्रेस में भाजपा से दोगुना परिवारवाद है। टिकट बांटने में परंपरागत फॉर्मूला अपनाते हुए कांग्रेस पार्टी ने सक्रिय नेताओं के परिवारजनों को 22 सीटों पर टिकट दिया है। पार्टी ने राज्‍यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्‍य सुरजेवाला को कैथल से टिकट दिया है। तो वहीं, सांसद वरुण चौधरी की पत्‍नी पूजा चौधरी को मुलाना (एससी) सीट से उम्‍मीदवार बनाया है। पार्टी ने पूर्व मंत्री के बेटे मनदीप सिंह को पिहोवा सीट से मैदान में उतारा है। उधर, परिवारवाद पर कांग्रेस को कोसने वाली भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा में 11 सीटों पर परिवारवाद हावी रहा। इनमें अहीरवाल में सांसद राव इंद्रजीत की बेटी व पूर्व सीएम भजनलाल के पोते आदमपुर विधायक भव्‍य बिश्‍नोई समेत कई नाम हैं।

बीजेपी ने बागियों को मनाया

विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस उम्‍मीदवारों की सूची जारी होने के साथ ही बगावत दिखी। कई नेता पार्टी छोड़ गए। कइयों ने निर्दलीय ताल ठोक दी। बागियों को मनाने में भाजपा ने बाजी मार ली। पहली सूची के बाद भाजपा में भगदड़ मच गई थी, मगर आखिरी उम्‍मीदवार घोषित करते-करते बीजेपी बगावत की आग को शांत कर लिया जबकि कांग्रेस अभी भी बगावत से जूझ रही है।

हवा का रुख बदल रहा है

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले राज्य में जहां कांग्रेस के लिए संभावनाएं दिख रही थी, वहीं नॉमिनेशन के बाद भाजपा मीलों आगे निकलती दिख रही है।

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