शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बृहस्पतिवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार से कहा कि वह मुस्लिम आबादी को विश्वास में लिए बिना वक्फ अधिनियम में संशोधन पर कोई भी निर्णय लेने से बचें।
वक्फ (संशोधन) विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश किया गया और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया। सरकार ने कहा कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है, जबकि विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाने और संविधान पर हमला बताया।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष ने कहा, भाजपा के नेतृत्व वाली भारत सरकार को बड़ी मुस्लिम आबादी को विश्वास में लिए बिना वक्फ अधिनियम में संशोधन पर कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए।
बादल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, चूंकि यह वक्फ संपत्तियों के रखरखाव का मुद्दा है इसलिए मुस्लिम समुदाय को सभी प्रस्तावित संशोधनों पर सहमत होना चाहिए और उनकी मंजूरी जरूरी है।
बादल ने केंद्र पर शीर्ष गुरुद्वारा निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को तोड़ने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, इससे पहले भी केंद्र सरकार ने हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा कमेटी बनाकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीजी अमृतसर) को तोड़ दिया था।
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