सेना की कार्रवाई सुखद, कड़ी कार्रवाई करने को भी हैं तैयार

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लेफ्टिीनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी की माने तो भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बहुत ही कारगर व अच्छी कार्रवाई की है। सबसे सुखद बात यह है कि इसमें पहली बार भारतीय एयरफोर्स का इस्तेमाल किया गया है।
यदि पाकिस्तान इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया करता है तो भारत को और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और भारतीय सेना इसके लिए तैयार है। उन्होंने 1971 के युद्ध में सरेंडर करने वाले पाकिस्तान सैनिकों को छोड़ने के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्णय को गलत ठहराया।
पीओके में भारतीय सेना की एअर स्ट्राइक की कार्रवाई पर उप थल सेनाध्यक्ष रहे श्री त्रिपाठी से मंगलवार को हिन्दुस्तान ने बात की। श्री त्रिपाठी ने 1971 में बंग्लादेश से हुए युद्ध में भी भाग लिया था। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद ही सरकार ने कार्रवाई करने का मन बना लिया था।
कोई भी सैन्य कार्रवाई करने के लिए तकनीकी, प्रशिक्षण और उस कार्रवाई की स्थितियों को लेकर तैयारी की जाती है। भारतीय सेना पहले से ही काफी सुसज्जित है और इस तरह की कार्रवाई करने में काफी कम समय लिया और बेहतर रणनीति के साथ कार्य किया है।
कारगिल युद्ध में भी भारत ने इतने बडे़ पैमाने पर एयरफोर्स का प्रयोग नहीं किया था, जबकि इस कार्रवाई के लिए एयरफोर्स को जिम्मेदारी दी गई। एयरफोर्स ने बिना किसी नुकसान के यह कार्रवाई कर एक बार फिर प्रमाणित किया कि भारतीय एयरफोर्स काफी सुपीरियर है।
एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से साबित हो गया है कि भारत आतंक के सफाए के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। इस स्थिति में अगर पाकिस्तान की इसकी प्रतिक्रिया करता है या एटम बम की गीदड़ भभकी देता है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे और पाकिस्तान को दण्डित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना इसके लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना कभी भी पाकिस्तान से न तो हल्की रही है और न ही कमजोर रही हैं। हमारी कमजोरी यह रही है कि भारत हमेशा दरियादिली दिखाता रहा है और पाकिस्तान इसे हमारी कमजोरी मानकर हमारे सैनिकों को निशाना बनाता रहा है, लेकिन इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब ऐसा नहीं होगा।

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