नीट विवाद को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, संसद में चर्चा की उठाई मांग

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर सरकार से बुधवार को लोकसभा में नीट मुद्दे पर चर्चा कराने का अनुरोध किया है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि मेरा मानना है कि यह उपयुक्त होगा कि आप छात्रों के हित में नीट मुद्दे पर चर्चा की अगुवाई करें। राहुल ने लिखा कि नीट परीक्षा तत्काल ध्यान देने योग्य है क्योंकि इसने हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली में गहरी सड़ांध को उजागर कर दिया है। पिछले सात वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं, जिससे 2 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं। अन्य परीक्षाओं को स्थगित करने और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के महानिदेशक को बदलने का सरकार का कदम हमारी केंद्रीकृत परीक्षण प्रणाली की प्रणालीगत विफलता को कवर करने का एक कदम है।गांधी ने कहा कि मैं NEET पर संसद में बहस का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं, 28 जून को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर बहस के विपक्ष के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। कल विपक्ष ने इस मुद्दे पर फिर से चर्चा का अनुरोध किया था। माननीय लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को आश्वासन दिया था कि वह इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र उत्तर के पात्र हैं। संसदीय बहस उनके पुनर्निर्माण और विश्वास को बहाल करने की दिशा में पहला कदम है। मामले की तात्कालिकता को देखते हुए, मैं सरकार से कल सदन में बहस कराने का अनुरोध करता हूं। मेरा मानना ​​है कि यह उचित होगा यदि आप छात्रों के हित में इस बहस का नेतृत्व करें। राज्यसभा में कई विपक्षी दलों ने देश में विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने के बढ़ते मामलों, राज्यों के साथ भेदभाव किए जाने और केंद्रीय एजेंसियों को औजार बनाकर विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को दावा किया कि ‘अहंकार’ से देश को नहीं चलाया जा सकता है। उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में एक शब्द गायब है और वह शब्द है ‘गठबंधन’। उन्होंने दावा किया कि ‘गोदी मीडिया’ से मिलकर एक्जिट पोल कराये गये और उसके आधार पर शेयर बाजार में आयी तेजी और फिर आयी गिरावट के कारण हजारों निवेशकों के पैसे डूब गए।

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