‘हम न हारे थे, न हारे हैं’, विपक्ष पर तंज सकते हुए बोले नरेंद्र मोदी, ईवीएम ने उनको चुप करा दिया

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नवनिर्वाचित सांसदों ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना, जिससे उनके तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का मार्ग प्रशस्त हो गया। इसके बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ईवीएम के बहाने विपक्ष पर जमकर तंज कसा। मोदी ने कहा कि 4 जून को जब नतीजे आ रहे थे तो मैं काम में व्यस्त था। बाद में फोन आने लगे। मैंने किसी से पूछा, आंकड़े तो ठीक हैं, बताओ ईवीएम जिंदा है कि मर गया। मोदी ने कहा कि विपक्ष के लोगों ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया था कि लोग भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करना बंद कर दें। उन्होंने लगातार ईवीएम का दुरुपयोग किया। मुझे लगा था कि वे ईवीएम की शवयात्रा निकालेंगे। लेकिन 4 जून की शाम तक उनको ताले लग गए। ईवीएम ने उनको चुप करा दिया। यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है, इसकी निष्पक्षता है। मुझे उम्मीद है कि मुझे 5 साल तक ईवीएम के बारे में सुनने को नहीं मिलेगा। लेकिन जब हम 2029 में जाएंगे, तो शायद वे फिर से ईवीएम का राग अलापेंगे। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।भाजपा नेता ने कहा कि हम न हारे थे, न हारे हैं। लेकिन 4 तारीख के बाद हमारा व्यवहार हमारी पहचान बताता है कि हम जीत को पचाना जानते हैं। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि हम जीत की खुशी में उन्माद नहीं पालते और न ही हार का उपहास उड़ाने के संस्कार रखते हैं। हम विजयी की रक्षा करते हैं और पराजित का उपहास करने की विकृति हममें नहीं है। ये हमारे मूल्य हैं। उन्होंने कहा कि आप किसी भी बच्चे से पूछ सकते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले किसकी सरकार थी? वह कहेंगे एनडीए। फिर उनसे पूछिए कि 2024 के बाद किसकी सरकार बनी, तो वह कहेंगे एनडीए। पहले भी एनडीए थी, आज भी एनडीए है, और कल भी एनडीए है’। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 का आंकड़ा नहीं छू सकी। उन्होंने कहा कि 2014, 2019 और 2024 के चुनावों को मिला दें तो कांग्रेस को इतनी सीटें भी नहीं मिलीं जितनी इस चुनाव में बीजेपी को मिलीं। मैं साफ़ देख रहा हूँ कि INDI गठबंधन के लोग पहले धीरे-धीरे डूब रहे थे, अब तेज़ गति से डूबने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आज के वातावरण में देश को सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर ही भरोसा है और जब इतना अटूट विश्वास और भरोसा है तो स्वाभाविक है कि देश की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी और मैं इसे अच्छा मानता हूं। मैंने पहले भी कहा था कि पिछले 10 साल का कार्य तो सिर्फ ट्रेलर है। और ये मेरा कमिटमेंट है… हमें और तेजी से, और विश्वास से, और विस्तार से… देश की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में रत्तीभर भी विलंब नहीं करना है।

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