महाराष्ट्र सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ किसानों ने नासिक से मुंबई तक पैदल मार्च निकालने का ऐलान किया लेकिन, पुलिस ने नहीं दी इजाजत

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महाराष्ट्र के किसान बीजेपी सरकार की वादाखिलाफ के खिलाफ नासिक से मुंबई तक मार्च निकालना चाह रहे हैं,  लेकिन प्रदेश सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी है। मंगलवार को नासिक पुलिस ने ‘ऑल इंडिया किसान सभा’ (AIKS) के उस अनुरोध को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने 20 फरवरी से नासिक से मुंबई तक मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी। पुलिस से इजाजत नहीं मिलने पर भी किसान सभा ने कहा है कि वह तय समय के मुताबिक अपना कार्यक्रम पूरा करके रहेंगे।
इस दौरान नासिक पुलिस का कहना है कि किसानों को मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी गई है। वे नासिक में ही विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं। नासिक शहर के कमिश्नर रविंद्र कुमार सिंघल ने कहा, “हमने उन्हें धरना देने, लाउड-स्पीकर का इस्तेमाल करने और भाषण देने की अनुमति दी है। हालांकि, हमने उन्हें मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी है।”
दरअसल, ऑल इंडिया किसान सभा ने अपनी मांगों को लेकर पिछले साल पहला ‘लॉन्ग मार्च’ निकाला था। इस मार्च के बाद सरकार ने उनसे बातचीत की और उनकी मांगो को पूरा करने का वादा किया। लेकिन, वादा पूरा नहीं होने के बाद किसान सभा दोबारा मार्च निकालने पर आमादा है। किसानों ने 8 दिनों के भीतर 180 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी की योजना बनाई है। उनकी कोशिश है कि वे 27 फरवरी को मुंबई स्थित विधानसभा पहुंच जाएं। इस दौरान महाराष्ट्र का बजट सत्र भी जारी रहेगा।
किसानों की मांग है कि नदियों का पानी समुंद्र में जाने से रोका जाए और उसकी आपूर्ति उनके खेतों में की जाए। साथ ही किसान नदियों का जल गुजरात को दिए जाने का भी विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा किसानों की मांग है कि प्रदेश सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करे और
उनका ऋण भी पूरी तरह माफ करे। इसके अलावा किसानों ने सूखे की मार झेलने वाले किसानों को 40,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से आवंटित करने को कहा है। किसानों ने सरकार को अपनी 15 मांगों की एक सूची भेजी है, जिसमें फसलों की एमएसपी समेत अन्य मांगें शामिल हैं।

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