प्रधानमंत्री मोदी लोगों की भलाई के लिए क्या सोचते हैं, आम चुनाव में यह मायने रखेगा: Kapil Sibal

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

नयी दिल्ली। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे और वह देश के लोगों की भलाई के लिए क्या सोचते हैं, यह चुनाव में मायने रखेगा। सिब्बल ने ‘पीटीआई’ के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में यह भी कहा कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को एक संयुक्त दृष्टि दस्तावेज लाने की जरूरत है, जिसमें बताया जाए कि देश के सामने कौन से प्रमुख मुद्दे हैं जिनका समाधान किये जाने की आवश्यकता है।
सिब्बल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि पिक्चर बाकी है या नहीं, लेकिन जो पिक्चर चल रही है वह देश के लिए ठीक नहीं है।’’ जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में चले जाने और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा उनकी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने पर जोर से ‘इंडिया’ गठबंधन के राह भटकने के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि बनर्जी के साथ बातचीत अभी भी जारी है और यह कोई मुद्दा नहीं है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘जहां तक नीतीश कुमार का सवाल है, आज इस देश में राजनीति की प्रकृति यह सब होने की अनुमति देती है, कोई किसी पर भरोसा नहीं करता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति का स्तर निचले स्तर पर पहुंच गया है…।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब तक इस तरह की राजनीति भारत में फलती-फूलती रहेगी, मुझे नहीं लगता कि हमें उन लोगों तक जरूरी चीजें पहुंचने की ज्यादा उम्मीद है जो निचले पायदान पर हैं।’’

सिब्बल ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के पास लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्ष किस तरह के उम्मीदवारों को खड़ा करता है और वह किस तरह का विमर्श पेश करेगा, उसके आधार पर लड़ाई लड़ी जाएगी। विपक्षी दलों के बीच सीट बंटवारा जल्द पूरा होने की उम्मीद करते हुए सिब्बल ने कहा कि उन्हें एक साथ मिलकर एक विमर्श बनाना होगा जिसके साथ वे इस चुनाव के दौरान लोगों को उनके लिए वोट करने को लेकर राजी कर सकें। उन्होंने कहा कि यह विमर्श अभी बनना शुरू नहीं हुआ है।

सिब्बल ने कहा कि ‘इंडिया’ को भविष्य के लिए एक ऐसे दृष्टिकोण की जरूरत है जो भाजपा के नजरिये से अलग हो। यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दलों को एक संयुक्त दृष्टि दस्तावेज लाने की आवश्यकता है, सिब्बल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनके पास ऐसा कुछ होना चाहिए। मुझे लगता है कि वे एक संयुक्त न्यूनतम कार्यक्रम के बारे में बात कर रहे हैं। मेरे अनुसार, एक संयुक्त न्यूनतम कार्यक्रम काफी नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक न्यूनतम कार्यक्रम होगा, जो आप करेंगे। व्यापक दृष्टिकोण यह है कि इस देश के सामने क्या मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।’’

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