नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने एक संयुक्त अभियान में अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थ तस्करी गिरोह के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। ड्रग नेटवर्क भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में फैला हुआ था। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली में 50 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन जब्ती की गई है।
एनसीबी के प्रवक्ता ने कहा कि हेल्थ मिक्स पाउडर, डेसिकेटेड कोकोनट इत्यादि जैसे खाद्य उत्पादों की आड़ में हवाई और समुद्री कार्गो के माध्यम से दवाओं की तस्करी की जा रही थी। गिरोह के मास्टरमाइंड की पहचान एक तमिल फिल्म निर्माता के रूप में हुई है जो फरार है। उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। न्यूजीलैंड के सीमा शुल्क अधिकारियों और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से पता चला कि सूखे नारियल के पाउडर में छिपाकर बड़ी मात्रा में स्यूडोएफ़ेड्रिन दोनों देशों में भेजा जा रहा था। अमेरिका ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के इनपुट से संकेत मिलता है कि खेप का स्रोत दिल्ली था।
उन्होंने कहा कि स्यूडोएफ़ेड्रिन का उपयोग मेथमफेटामाइन बनाने के लिए किया जाता है, जो दुनिया भर में सबसे अधिक मांग वाली दवा है। जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकती है। तस्करी करने वाले गिरोह को खत्म करने के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और एनसीबी की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया था। . बयान में कहा गया है कि एनसीबी और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमों द्वारा 4 महीने की गहन निगरानी के बाद, यह पता चला कि ये तस्करों दिल्ली में है और ऑस्ट्रेलिया में एक और खेप भेजने की कोशिश कर रहे थे।
एनसीबी के प्रवक्ता ने कहा कि स्पेशल सेल द्वारा लगातार निगरानी की गई। टीम 15 फरवरी को पश्चिमी दिल्ली के बसई दारापुर में उनके गोदाम में छापा मारा। तभी मल्टीग्रेन खाद्य मिश्रण की खेप में स्यूडोएफ़ेड्रिन को पैक करने की कोशिश कर रहे थे। टीम ने तमिलनाडु निवासी तीन तस्कर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से 50 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन बरामद की।
पूछताछ में तस्करों ने खुलासा किया कि पिछले 3 वर्षों में 3500 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन की 45 खेप भेज चुके हैं। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2000 करोड़ रुपये से भी अधिक कीमत है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया स्थित तस्करों को पकड़ने के लिए वहां के अधिकारियों से संपर्क किया गया है।
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