नई दिल्ली: दिल्ली के पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने चोरी का मोबाइल बिहार नेपाल के बॉर्डर पर महंगे दामों में बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने नेपाल जाने के फिराक में गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। गिरफ़्तार आरोपियों की पहचान 27 वर्षीय काबा तुल्ला ओर 22 वर्षीय ईशोब निवासी अररिया, बिहार के रूप में की हुई है। आरोपियों के पास से 35 मोबाइल बरामद किया गया है।
पूर्वी रेंज के ज्वाइंट सीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बीती 29 दिसंबर को पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र थाना में शिकायतकर्ता ने बताया कि ग़ाज़ीपुर से मोबाइल फोन चोरी हुआ था। उन्होंने बाद में यह बताया कि उनके बैंक खाते से 45,000/- रुपये डेबिट हो गए। जिसके आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि मंगलवार को दो शातिर चोर मोबाइल की खेप लेकर ईडीएम मॉल के पास आने वाला है। पुलिस ने जाल बिछा कर दोनों को दबोच लिया। गिरफ़्तार आरोपियों की पहचान 27 वर्षीय काबा तुल्ला ओर 22 वर्षीय ईशोब निवासी अररिया, बिहार के रूप में की हुई है। उसके पास से चोरी के 35 मोबाइल बरामद हुआ। जिन्हें वह नेपाल बॉर्डर जाकर बेचने वाले थे। काबा तुल्ला अपने एक साथी ईशोब के साथ मिलकर दिल्ली में मोबाइल की चोरी और स्नैचिंग करता. फिर मोबाइल को बिहार के अररिया इलाके में ले जाकर अपने गैंग के सदस्यों की मदद से नेपाल बॉर्डर पर महंगे दामों पर बेचते थे।
ज्वाइंट सीपी ने आगे बताया कि काबा तुल्ला चोरी किए गए मोबाइल में डिजिटल मनी ऐप का पासवर्ड बदल कर पैसा भी ट्रांसफर करता था। अभी तक आरोपी 45000 रुपए पीड़ित के मोबाइल से उड़ा चुका था। वह पिछले 2 साल से मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा था। 100 से ज्यादा मोबाइल चोरी की बात कबूली। आरोपी ने बताया कि वह यूट्यूब का शॉर्ट वीडियो रील देखकर चोरी करना शुरू किया है। रील में उसे पता चला कि नेपाल बॉर्डर पर चोरी का मोबाइल महंगे कीमत पर बिक जाता है। इस जानकारी के बाद वह अपने एक साथी के साथ मिलकर दिल्ली में मोबाइल चोरी करने लगे।कबातुल्लाह पहले गाजीपुर मछली मंडी में लेबर का काम करता था, इसके बाद वह मोबाइल चोरी में सक्रिय हो गया।
डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि 35 मोबाइल में से 33 मोबाइल फोन अनलॉक थे और दो मोबाइल लॉक मिले। बरामद किए गए सभी मोबाइल फोन का सत्यापन किया गया और अब तक 22 को पुलिस डेटाबेस में मौजूदा नंबरों से जोड़ा गया है। इन मोबाइलों के स्वामित्व का पता लगाने का काम जारी है। नेपाल और बिहार में उनके सहयोगियों का पता लगाने का भी प्रयास किया जा रहा है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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