आगरा में करोड़ों की जमीन पर कब्जे के लिए फर्जी मुकदमे लिख एक परिवार को जेल भेजने वाले तत्कालीन एसओ को निलंबित किया गया था। अब इसी मामले में कमिश्नर के आदेश पर रविवार को तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी-उनके बेटे धीरू चौधरी समेत 18 लोगों के खिलाफ धारा 147, 148 व 149 (एक राय होकर जुटना, बलवा की धारा), 447 (आपराधिक अतिचार), 448 (गृह अतिचार), 120 बी (आपराधिक साजिश), 467 (कूटरचना), 395 (डकैती) और 506 (धमकी) में दर्ज किया गया है। वहीं जमीन से हटाए गए पीड़ित परिवार को फिर से कब्जा दिलाया गया है।
पुलिस आयुक्त डाॅ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को डीसीपी सिटी सूरज राय की रिपोर्ट पर तत्कालीन एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार सहित अन्य 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। इन्होंने पुलिस की छवि को भी खराब किया है। जमीन की मालिक उमा देवी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। डीसीपी सिटी सूरज राय की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच एसीपी हरीपर्वत को दी गई है।
ये है पूरा मामला
आगरा में खतैना-बोदला मार्ग पर बैनारा फैक्टरी के पास दस हजार गज जमीन पर कब्जे के लिए पूरा खेल रचा गया। 26 अगस्त 2023 को केयरटेकर दीनानाथ के बेटों रवि कुशवाह और उसके भाई शंकरलाल उर्फ शंकरिया सहित 3 को जेल भेजा गया। उनके खिलाफ गांजा बरामद कर एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किया गया। 9 अक्तूबर को रवि कुशवाह की पत्नी पूनम और बहन पुष्पा सहित तीन को अवैध शराब के मामले में आबकारी निरीक्षक ने आबकारी अधिनियम में केस दर्ज कराकर जेल भेजा। जमीन से कब्जा हटाकर दीवार को तोड़कर नई दीवार बनाई गई। कैमरे लगाकर प्लाॅटिंग शुरू करा दी गई। पीड़ित परिवार ने आगरा कमिश्नरेट में शिकायत की मगर सुनवाई नहीं होने पर डीजीपी आफिस में गुहार लगाई थी। जिसके बाद कमिश्नर ने कार्यवाही की है।
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