धनबाद में चार घर हुए जमींदोज,जहरीली गैस का तांडव

धनबाद में चार घर हुए जमींदोज,जहरीली गैस का तांडव

राष्ट्रीय जजमेंट

झारखण्ड में कोयलांचल की जमीन फिल्मी अंदाज में फट रही है।घर में लोग सोए रह रहे हैं और घर जमींदोज हो जा रहे हैं।राह चलते लोगों को जमीन निगल जा रही है।धनबाद के गोंदूडीह में तो कुछ ऐसा ही हुआ था कि तीन महिलाएं जा रही थी कि धंसान की चपेट में आकर जमीन में समा गई। रविवार को बीसीसीएल के क्षेत्र संख्या 5 की कनकनी कोलियरी 11 नंबर(जोगता ) में चार घर जमीन में समा गए। यह तो भगवान की कृपा थी कि किसी की जान नहीं गई। फिर भी घर वालों के समान मालवा में दबे हुए हैं। यह घटना रविवार को सुबह लगभग 8 बजे के करीब हुई है। घटना के बाद लगातार जहरीली गैस निकल रही है। इलाके में इस घटना के बाद दहशत का माहौल है। हर तरफ अफरातफरी मची है। अब बीसीसीएल के अधिकारी पहुंचेंगे,कुछ आश्वासन देंगे, फिर स्थितियां जस की तस बनी रहेगी।बताया जाता है कि कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में चाहे वह धनबाद के मैथन का इलाका हो, निरसा का इलाका हो, झरिया का इलाका हो, कुसुंडा का इलाका हो, कतरास का इलाका हो अथवा बाघमारा का। सभी जगह जमीन फट रही है और धंसान हो रहा है। गोफ बन रहे हैं, लोगों की जाने जा रही है, धन संपत्ति का नुकसान हो रहा है। फिर भी यह सिलसिला थम नहीं रहा है। आखिर इसके लिए कोई तो जवाब जवाबदेह होगा। किसी की भी तो जिम्मेदारी तय होनी चाहिए कि खतरनाक इलाकों में रहने वाले लोगों को शिफ्ट क्यों नहीं किया जा रहा है। 104 साल से इंतजार करते-करते भूमिगत आग,अब “धधकने” लगी है।1919 में झरिया के भौरा में भूमिगत आग का पता चला था।यह भूमिगत आग अब “कातिल” हो गई है। वैसे पिछले 25 सालों से वह संकेत दे रही है कि हालात बिगड़ने वाले हैं। लेकिन जमीन पर ठोस काम करने के बजाए हवाबाजी होती रही। झरिया के घनुडीह का रहने वाला परमेश्वर चौहान आग से फटी जमीन के भीतर गिर गया था। कड़ी मेहनत के बाद NDRF की टीम ने 210 डिग्री तापमान के बीच से टीम ने शरीर के अवशेष को बाहर निकाला।

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