स्वच्छता को मुंह चिढ़ा रहा अमौली ब्लॉक मुख्यालय, नहीं है महिला शौचालय

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट- विकाश साहू

अमौली/फतेहपुर। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण में कभी सबसे अव्वल रहा अमौली ब्लॉक परिसर स्वयं एक अदद महिला शौचालय को तरस रहा है। लगभग तीस प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होने के बावजूद परिसर में उनके लिए शौचालय नहीं है। और पानी पीने की कोई व्यवस्था नही है। ब्लॉक परिसर में कृषि बीज भंडार है जहाँ किसानों का आना जाना रहता है। अमौली ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में विकास कार्य कराने वाला ब्लॉक कार्यालय व उसके परिसर की हालत चिराग तले अंधेरा जैसी है। लेकिन ब्लॉक के मुखिया बीडीओ इससे अनजान बने हैं। एक तरफ भारत सरकार साफ- सफाई व खुले में शौच से देश को मुक्ति दिलाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम चालू कर गांवों को ओडीएफ बना रही है। वहीं दूसरी तरफ इस योजना को गति देने के बजाए ब्लॉक मुख्यालय खुद पलीता लगा रहा है। ब्लॉक मुख्यालय शौचालय के लिए तरस रहा है। ब्लॉक परिसर की बात तो दूर यहां ब्लाक मुख्यालय के द्वार पर ही कूड़े कचरे का ढेर लगा हुआ है पुरुष शौचालय का दरवाजा टूटा फूटा है।अमौली क्षेत्र के कई गांव ओडीएफ हो गये।अन्य कई गांव ओडीएफ के कतार में हैं। इसके अलावा कई अन्य गांवों में खुले में शौच से मुक्ति के लिए शौचालयों का निर्माण हो रहा है। क्षेत्र में विकास की रफ्तार व देश व प्रदेश के योजनाओं को गति देने वाला अमौली ब्लाक मुख्यालय खुद एक अदद शौचालय को तरस रहा है। इसके चलते यहाँ आने वाले लोगों व जनप्रतिनिधियों को शौच के लिए इधर-उधर भटकना पडता है। ऐसे में ब्लॉक आये लोगो को खुले में शौच को विवशता होती है। जो पंचायतीराज विभाग के मुंह पर सीधा तमाचा है। अमौली मुख्यालय मे एक शौचालय बना है। जिसमे गंदगी का अम्बार लगा है, और न शौचालय मे पानी की व्यवस्था है। जो केवल शोपीस है। इसमें न पानी है ब्लॉक के मेन गेट समेत पूरे ब्लॉक परिसर में जगह-जगह लगा कूड़े का ढेर स्वच्छता अभियान की खिल्ली उड़ा रहा है।

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