विभिन्न सामाजिक वर्गों के नायकों की गाथा समेटे ‘हमारा जीवन हमारी यादें’ पुस्तक का विमोचन

द्वेष भावना से नहीं, देश भावना से समाज को जोड़ते हैं-संघ

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में रामानंद द्वारा संपादित ‘हमारा जीवन हमारी यादें’ पुस्तक का विमोचन केन्द्रीय मंत्री, भारत सरकार भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान द्वारा किया गया, यह पुस्तक राजकमल प्रकाशन,नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित है।

‘हमारा जीवन हमारी यादें’ पुस्तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे चार सामान्य पृष्ठभूमि व समाज के सीमांत सामाजिक समूहों के चार व्यक्तित्वों आशा लकड़ा, स्वर्गीय अनिकेत, कलीराम, धनराज के विषम परिस्थितियों तथा निरंतर संघर्ष में तपकर आगे बढ़ने की गाथा को बेहद रचनात्मक तथा सरल ढंग से प्रस्तुत करती है। सामान्य परिस्थितियों में असामान्य जिजीविषा लिए कलीराम,आशा लकड़ा,अनिकेत तथा धनराज ने कैसे अपने आसपास के लोगों को प्रेरित किया तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ऐसे नायकों के निर्माण यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका को यह पुस्तक रेखांकित करती है।

पुस्तक विमोचन के अवसर पर केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि ,” सामाजिक सद्भाव भाषणों से नहीं आता, सभी को हृदय में जगह देने से आता है। यह पुस्तक इसी भाव की सुंदर अभिव्यक्ति है। हम सभी कहानियों के संसार में रहते हैं , प्रत्येक कहानी का उद्देश्य होता है। इस पुस्तक में प्रस्तुत कहानियों में केवल घटनाओं का नहीं बल्कि वातावरण का भी बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुतीकरण हुआ है। यह पुस्तक समाज के विभिन्न मर्मस्पर्शी पक्षों को समेटे हुए है, कहानी के नायकों की सफलता को ‘हमारा जीवन-हमारी यादें’ पुस्तक बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत करती है।”

कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि,”विद्यार्थी परिषद या संघ का विचार सोच को व्यापक बनाता है। वह व्यक्तियों को द्वेष से नहीं, देश प्रेम से भर देता है, और अपनी ही व्यवस्था में कार्यकर्ता बनाके नहीं रखता है, बल्कि देश सेवा और व्यक्तिगत जीवन में भी आगे बढ़ने का मौक़ा देता है और देश सेवा के लिए प्रेरित करता है। इस यात्रा में लोग इतने मज़बूत हो जाते है कि जीवन में अगर कोई संकट आता है तो, वे अपना रास्ता ख़ुद निकालते हैं। ये उन परिस्थितियों के दबाव के शिकार नहीं बनते हैं तो और वे परिस्थितियों के दबाव में नकारात्मक न होकर सकारात्मक रास्ता चुनते हैं। यह पुस्तक बहुत सुंदर ढंग से उपर्युक्त विचार को प्रस्तुत करती है।”

विमोचन के अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान ने कहा कि,” यह पुस्तक केवल कार्यकर्ताओं के जीवन को प्रस्तुत नहीं करती, बल्कि साधारण लोग असाधारण काम कैसे करते हैं उसका दस्तावेज भी है। ऐसी कहानियों से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी, यह पुस्तक जो पढ़ेगा, उसके भीतर यह आत्मविश्वास जागृत करेगी कि हम भी बेहतर कर सकेंगे। यह पुस्तक कार्यकर्ता अभाविप जैसे संगठन के बारे में जुड़ने पर उठने वाले नए प्रश्न का उत्तर देगी।”

कार्यक्रम में पुस्तक के संपादक रामानंद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राजकमल प्रकाशन के अलिंद महेश्वरी मंच पर उपस्थित रहे।

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