देश ‘मजबूर सरकार’ नही बल्कि ‘मजबूत सरकार’ चाहता है: PM मोदी

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नई दिल्ली। भाजपा के दो दिवसीय अधिवेशन के समापन सत्र में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने भाजपा के खिलाफ बन रहे विपक्ष के महागठबंधन पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों का जन्म कांग्रेस विरोध से हुआ, वही पार्टियां आज एकजुट हो रहीं हैं। आज जब कांग्रेस रसातल में है, भ्रष्टाचार में डूबी है, उसके नेता जमानत पर हैं तो ये कांग्रेस से अलग हुए दल उसी कांग्रेस के सामने समर्पण कर रहे हैं।
मतदाताओं ने आपको कांग्रेस का विकल्प बनाने की कोशिश की, आप उन्हीं से धोखा कर रहे हैं। मोदी ने कहा- विपक्षी मिलकर मजबूर सरकार बनाना चाहते हैं, लेकिन देश चाहता है कि मजबूत सरकार बने।
मोदी ने कहा, ‘‘तेलंगाना में गठबंधन फेल हो गया। कर्नाटक में गठबंधन की पहली सरकार वाले मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मुझे सीएम की बजाय क्लर्क मास्टर बनाकर रख दिया है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में दो टूक बात हो रही है कि सरकार चलानी है तो पहले ये केस वापस लो, ये काम करो.. तब चला पाओगे।
अभी तो यह ट्रेलर है। यह पहला अवसर है जब एक व्यक्ति के विरोध में सब एकजुट हो रहे हैं। ये सारे मिलकर अब देश में एक मजबूर सरकार बनाने में जुट गए हैं, वे नहीं चाहते हैं कि देश में मजबूत सरकार बने और उनकी दुकान बंद हो जाए।”
  • मोदी ने कहा, ”हम संसद में एनिमी प्रॉपर्टी का एक्ट लाए, कांग्रेस और गठबंधन के साथियों ने उसका विरोध किया। हम सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल लेकर आए, वह फिर विरोध कर रहे हैं, हम कोर्ट के आदेश के तहत एनआरसी लेकर आए और इसका भी विरोध किया गया। हम तीन तलाक बिल लाए, विरोध किया गया।”
  • ”अयोध्या मामले में ही देख लीजिए, कांग्रेस अपने वकीलों के माध्यम से न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस देश के मुख्य न्यायाधीश को महाभियोग से हटाने की कोशिश कर रही थी। हमें न तो कांग्रेस का यह रवैया भूलना है और न ही किसी को भूलने देना है।”
  • ”कुछ राज्यों में सीबीआई के अफसरों को आने की और जांच की इजाजत नहीं है। इन्हें क्या डर सता रहा है? गुजरात का जब मैं सीएम था, तब 12 साल तक लगातार कांग्रेस और उसके साथियों ने हर तरीके से मुझे परेशान करने का काम किया। एक मौका नहीं छोड़ा, उनकी एक भी एजेंसी ऐसी नहीं थी, जिसने मुझे सताया न हो।”
  • ”2007 में कांग्रेस के नेता जो मंत्री थे, वह खुद गुजरात आए और चुनावी सभा में दावा किया था कि मोदी कुछ महीने के भीतर जेल चला जाएगा। विधानसभा के भीतर कुछ नेता भाषण करते थे कि मोदी जेल चला जाएगा। आपने मुंबई की स्पेशल कोर्ट का फैसला सुना होगा कि किस तरह से यूपीए सरकार का एकमात्र एजेंडा था कि मोदी को फंसाओ। अमित भाई को जेल में भी डाल दिया था। तब भी हमने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया कि सीबीआई हमारे राज्य में घुस नहीं सकती है। हमारे पास भी सत्ता थी लेकिन हम कानून में और सत्य में विश्वास रखते थे।”
  • ”दूसरी तरफ ये लोग है, जो अपने खुलासों से डरे हुए हैं। आज उन्हें सीबीआई स्वीकार नहीं है, कल कोई दूसरी संस्था स्वीकार नहीं होगी। सब गलत हो जाएगा। क्या हम राष्ट्र को उनके भरोसे छोड़ सकते हैं? उनकी सल्तनत के अनुरूप जो भी नहीं होगा, ये उसका विरोध करते हैं। हमें संविधान पर भरोसा है। ये लड़ाई सल्तनत और संविधान में आस्था रखने वालों के बीच की है।”
मोदी ने कहा, “नेशनल हेराल्ड का केस यूपीए सरकार के वक्त से ही चला आ रहा है। इससे साफ होता है कि कांग्रेस के नेता किस तरह से जनता की जमीन और उसका धन हथिया लेते हैं। 2012 में इस केस और यंग इंडिया के मामले की जांच शुरू हुई। इतनी सारी एजेंसियों ने समन और नोटिस भेजे, लेकिन कांग्रेस की फर्स्ट फैमिली अपने आपको सबसे ऊपर मानती है। उसने किसी को भी तवज्जो नहीं दी। उन्हें लगा कि हम नामदार हैं, राजा हैं और हमसे पूछताछ कैसे हो सकती है। उन्हें सच बताने में बड़ी दिक्कत होती है। जमानत पर बाहर घूमने वाले ये लोग जो किसी संस्था की इज्जत नहीं करते, वे देश का क्या आदर करेंगे?”
  • मोदी ने कहा, ”हम जब किसानों की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है। पहले जिनके पास किसानों की समस्याओं का हल निकालने का जिम्मा था, उन्होंने शॉर्टकट निकाले, उन्होंने किसानों को सिर्फ मतदाता बना दिया। हम अन्नदाता को ऊर्जादाता भी बनाना चाहते हैं। किसानों के सामने जितनी समस्याएं हैं, हम उतनी ही गंभीरता से उन्हें हल करने का प्रयास कर रहे हैं। अन्नदाता को हम नई ऊर्जा का नया वाहक बनाना चाहते हैं। उन्हें सशक्त करने के लिए बड़ी ईमानदारी से प्रयास किया जा रहा है।”
  • ”भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। हमसे पहले की सरकार के कार्यकाल ने देश को बहुत अंधेरे में ढकेल दिया था। अगर मैं कहूं कि भारत ने 2004 से 2014 के महत्वपूर्ण 10 साल घोटालों और भ्रष्टाचारों के आरोपों के गंवा दिए, तो गलत नहीं होगा।”
  • ”स्वतंत्रता के बाद अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बनते तो देश की तस्वीर कुछ और होती। आज मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर अटलजी प्रधानमंत्री बने रहते तो आज भारत कहीं और होता।”
मोदी ने कहा, “ये राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक है, जो अटलजी के बिना हुई है। आज उन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्पण से संतोष हो रहा होगा। बीते वर्ष भाजपा के जिन कार्यकर्ताओं को विरोधियों की राजनीतिक हिंसा की वजह से जान गंवानी पड़ी, उनके परिवारों के प्रति भी मैं संवेदना व्यक्ति करता हूं।”
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा,  ”ये आपसी दुश्मनों का गठबंधन (अलायंस ऑफ राइवल्स) है। न उनके वोटों में समानता है और न ही उनके उद्देश्य एक हैं। चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, देवेगौड़ा ने भी गठबंधन किया था लेकिन बाद में उनके हित टकराने लगे। चुनाव कभी इस गणित पर नहीं जीता जाता। चाहें कांग्रेस का शहजादा हो, बंगाल की दीदी हों, आंध्र के बाबू हों, यूपी की बहनजी हों ये सब दिल में इच्छा रखते हैं, इनकी सबकी तलवारें चुनाव के बाद निकलेंगी।”

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