बांगरमऊ उन्नाव30 मार्च 2023 ।। नगर के मोहल्ला गुलाम मुस्तफा (गोल कुआं) की हुसैनी मस्जिद में पिछले सालों की तरह इस साल भी सातवीं तरावीह की नमाज में बुधवार को हाफिज व मौलाना मोईनुद्दीन कादरी ने कुरआन पाक मुकम्मल किया। नमाज के बाद फातिहा व दुआ भी हुई जिसमें मुल्क में अमन- चैन, खुशहाली, आपसी भाईचारा व तरक्की की दुआएं भी मांगी गई।
तरावीह की नमाज के बाद लोगों को खिताब करते हुए हाफिज व मौलाना मोईनुद्दीन कादरी ने कहा कि खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना माहे रमजान न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का वकफ़ा है बल्कि समूची मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है। इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है और भूखे प्यासे रहकर खुदा की इबादत करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इस रमजान के पाक महीने में दोजक (नरक) के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत (स्वर्ग) के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। रोजा अच्छी जिंदगी जीने का प्रशिक्षण है, जिसमें इबादत कर खुदा की राह पर चलने वाले इंसान का जमीर रोजेदार को एक नेक इंसान के व्यक्तित्व के लिए जरूरी हर बात की तरबियत देता है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की कहानी भूख, प्यास और इंसानी ख्वाहिशों के इर्द-गिर्द घूमती है और रोजा इन तीनों चीजों पर नियंत्रण रखने की साधना है। रमजान का महीना तमाम इंसानों के दुख-दर्द और भूख- प्यास को समझने का महीना है, ताकि रोजेदारों में भले बुरे को समझने की सलाहियत पैदा हो। रोजे के दौरान झूठ बोलने, चुगली करने, किसी पर बुरी निगाह डालने, किसी की निंदा करने और हर छोटी से छोटी बुराई से दूर रहना अनिवार्य है। रोजा रखने का असल मकसद महज भूख- प्यास पर नियंत्रण रखना नहीं है बल्कि रोजे की रूह दरअसल आत्म संयम, नियंत्रण, अल्लाह के प्रति अकीदत और सही राह पर चलने के संकल्प और उस पर मुस्तैदी से अमल में बसती है। रमजान का महीना इसलिए भी अहम है क्योंकि अल्लाह ने इसी माह में हिदायत की सबसे बड़ी किताब यानी कुरान शरीफ को दुनिया में उतारा है। इस मौके पर हबीबुलरहमान “बाबूजी”, समाजसेवी फजलुर्रहमान, आशिक अली, शब्बीर बाबू, हाफिज मो० दिलशाद, मुकीम अली, अजीजुर्रहमान “आदिल”, नईमुल्लाह, बशीर अली, मो० अशफाक, जान मोहम्मद, अनीसुर्रहमान, मो०हसीन, नबीदाद खां, मो० दीन, मो० लुकमान, कयूम अली, जाबिर अली, मुफीस अहमद, कल्लू, सहित काफी तादाद में नमाजी मौजूद रहे।।
Comments are closed.