वाराणसी: नेवादा डिगहर गांव के सामने सोमवार को क्रिकेट खेल रहे बच्चों की सूझबूझ से कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार होने से बच गई।अप कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन वाराणसी से मुंबई जा रही थी। शाम 4:13 बजे के लगभग ट्रेन सेवापुरी स्टेशन से कुछ दूर आगे बढ़ी थी।उसी दौरान पटरी के किनारे खेल रहे बच्चे बोगी के पहिये से धुआं और आग की लपटें उठते देखकर शोर मचाते हुए दौड़े। बच्चों का शोर सुनकर एक यात्री ने चेन खींची तो ट्रेन कपसेठी रेलवे स्टेशन के पूर्वी आउटर सिग्नल के पास नेवादा डिगहर गांव के सामने पोल नंबर-797 के पास रुकी। ट्रेन के रुकते ही आग लगने की बात सुनकर बोगी में सवार यात्रियों में अफरातफरी मच गई।
यात्री अपना सामान लेकर बोगी से नीचे उतर गए। लोको पायलट एके सिंह ने बताया कि ट्रेन के रुकने के बाद साथ चल रहे रनिंग स्टाफ के. राम निहोरा और निहाल ने अग्निशमन यंत्र की मदद से आग पर काबू पाया। उसी बीच कपसेठी के स्टेशन मास्टर अब्दुल असद की सूचना पर वहां का भी रनिंग स्टाफ आ गया था। आग पर काबू पाने के बाद 5:15 बजे घटनास्थल से रवाना होकर ट्रेन कपसेठी स्टेशन पहुंची। वहां पुन: उसकी जांच की गई। जांच में सब कुछ सामान्य मिलने पर 5:26 बजे ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हुई।उधर, इस घटना के कारण अप लाइन से गुजरने वाली बुंदेलखंड इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कुछ मालगाड़ी की आवाजाही प्रभावित रही। वहीं, डाउन लाइन से गुजरने वाली ट्रेनें कॉशन पर चलाई गईं।
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