बिहार:आरा में एक बड़ा हादसा हुआ है.जहां सोन नद के गहरे पानी में डूबने से एक ही गांव के 4 बच्चों की मौत हो गई.बच्चों की डूबने की सूचना के बाद पूरे इलाके में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया है.घटना अजीमाबाद थाना क्षेत्र के अहिमनचक सोन बालू घाट की बताई जा रही है.पानी में डुबे चारों बच्चे अजीमाबाद थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव निवासी है.जिनमें दो चचेरे भाई हैं और दो बगल के रहने वाले हैं.वहीं मृतक के परिजन इस घटना का जिम्मेवार सोन नदी में अवैध खनन करने वाले बालू माफियाओं पर लगा रहे हैं.उनका कहना है कि सोन नदी में अवैध बालू खनन करने वाले माफियाओं द्वारा बड़ा बड़ा गड्ढा खोद पुल बना दिया गया है.
जहां आज बच्चों के खेलने के दौरान पैर फिसला और बच्चे लबालब पानी भरे उन गड्ढे में गिर गया जिसकी वजह से उनकी डूबने से मौत हो गई है.इधर घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय जिला प्रशासन की टीम मौके पर दल बल के साथ पहुंच पानी में डूबे सभी बच्चों के शव को स्थानीय गोताखोरों की मदद से बाहर निकाला और उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए आरा सदर अस्पताल लाया.मृत बच्चों में नूरपुर गांव निवासी वीरेंद्र चौधरी के 12 वर्षीय पुत्र अमित कुमार, स्वर्गीय राम राज चौधरी के 8 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार,जज चौधरी का 10 वर्षीय पुत्र शुभम कुमार और उसी गांव के बजरंगी चौधरी का 9 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार है.मृत शुभम कुमार व रोहित कुमार दोनों आपस में चचेरे भाई हैं.जबकि दो अन्य मृतक उनके पड़ोस के रहने वाले थे.
मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अजीमाबाद थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव के 6 बच्चे आज सुबह करीब 10 बजे सोन किनारे बेर खाने के लिए गए हुए थे.इस दरमियान चारो छवों बच्चे नहाने चले गए.जबकि दो दोस्त टिंकू कुमार व सागर कुमार सोन के किनारे ही बैठ गए.तभी चारों बच्चे सोन घाट में बालू निकालने के लिए खोदे गए बड़े गड्ढे के गहरे पानी में डूब गए. जब काफी देर हो गई और बच्चे बाहर नहीं निकले तब उनके दोनों दोस्त वहां पहुंचे तो उनका कोई अता पता नहीं था जिसके बाद वह चिल्लाने लगे और जब मौके पर लोग पहुंचे तब तक काफी देर हो गई थी और गहरे पानी में चारों बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी. वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों का हुजूम मौके पर पहुंच गया और गोताखोरों की मदद से पानी में डूबे हुए चारों बच्चों के शव को बाहर निकाला गया.बहरहाल इसके बाद से पूरे इलाके में सनसनी मची हुई है वहीं मृत बच्चों के परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है।
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