वाराणसी: आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र आयुष ने आवाज से रंगो की बौछार करने वाली डिजिटल पिचकारी बनाई है l ये पिचकारी बिना हाथ लगाए आवाज के कोड से संचालित होती है lडिजिटल पिचकारी बनाने वाले छात्र आयुष का कहना है की हमारी पिचकारी सभी बच्चों के लिए है। ये एक यूनिक आईडिया है जिसकी मदद से हम पिचकारी को हाथ लगाए बिना अपनी आवाज के माध्यम से अपने दोस्तों पर रंग डाल सकते हैं।हमारी डिजिटल पिचकारी से दिव्यांग बच्चे भी होली का आनंद ले सकेंगे। देश में हजारों बच्चे ऐसे दिव्यांग भी हैं जिनके हाथ पैर काम नहीं करते। ऐसे लोग भी हमारी डिजिटल पिचकारी से होली में अपने दोस्तों के संग रंग खेल सकेंगे।
ये पिचकारी 10 मीटर दूर तक वाटर कलर फेंक सक्ता है ।डिजिटल पिचकारी बनाने में 3 दिनों का समय लगा है और 250 रुपये का खर्च आया है lआर्यन इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर सुबिना चोपड़ा व विनीत चोपड़ा ने बताया हमारे स्कूल में जूनियर कलाम स्टार्टअप इन्नोवेशन लैब है। जिसमें बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ इन्नोवेशन आईडिया पर रिसर्च करते हैं l हमें चाइनीज प्रोडक्ट का बॉयकाट करना चाहिए और विभिन्न त्योहारों पर अपने देश में बने मेक इन इंडिया प्रोडक्टस को प्रमोट करना चाहिए।आज के यही बच्चे कल देश का नाम रोशन करेंगें l हम इनके उज्वल भविष्य की कामना करतें है l
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