आरा: नार्थ सिक्किम के जेमा में सड़क हादसे का शिकार हुए शहीद आर्मी जवान प्रमोद सिंह का शव आज सुबह उनके पैतृक गांव आरा के उदवंतनगर स्थित बामपाली गांव में पहुंचा.जहां तिरंगे में लिपटे शहीद आर्मी जवान के शव को देखकर परिजनों में हाहाकार मच गया और चारों ओर चित्कार के गुंज सुनाई देने लगे.वहीं बेटे की शहादत पर रिटायर्ड फौजी पिता कलेक्टर सिंह और बुजुर्ग मां गुलाबझारों के आंखों से छलक रहें आंसू की धार ये मानने को तैयार नहीं है कि उनका लाडला अब इस दुनिया में नहीं है.जबकि शहीद जवान की पत्नी निरमा देवी और उनके दोनों बच्चे अपने पिता के आने की राह अभी भी देख रहें हैं.
शहीद का शव घर पहजंचते ही सभी की आंखें नम हो गई और भारत माता की जय के नारों से पूरा महल गूंज उठा.नम आंखों से अंतिम दर्शन को पहुंचे ।भोजपुर के डीएम और एसपी सहित तमाम पदाधिकारियों ने शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी ।सिक्किम से चतेन से थांगू की ओर जेमा के रास्ते से सेना के तीन ट्रकों का काफिला गुजर रहा था जो रास्ते मे एक तीखे मोड़ पर फिसल गया और सीधे खाई में जा गिरा.इस हादसे में 3 जूनियर कमीशंड अधिकारियों और 13 सैनिकों की मौत हो गई वहीं घायलों को एयरलिफ्ट कर बाहर निकाला गया.
इस हादसे में शहीद जवानों में बिहार के भोजपुर जिले के उदवंतनगर के वामपाली निवासी प्रमोद सिंह भी शामिल थे जिनकी शहादत के बाद से ही उनके गांव में गम का माहौल है.शहीद बेटे के बुजुर्ग पिता ने आंखों में आंसू लिए कहा कि बेटा देश के लिए शहीद सुआ है उसके शहादत पर मुझे गर्व है.जबकि शहीद के दोस्त राहुल सिंह ने कहा कि शह भोजपुर डीएम राजकुमार और एसपी संजय सिंह भी पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे जहां उनके द्वारा बताया गया कि शहीद के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से एक ग्यारह लाख का आर्थिक मुआवजा की राशि प्रदान की गई है साथ ही परिजनों की जो डिमांड है उसको पूरा करने के लिए अंदर तक काम भी किया जाएगा।
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