समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

नोएडा-
मेदांता अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में उनका इलाज चल रहा था. मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव हों या उनके भाई शिवपाल यादव और चचेरे भाई रामगोपाल यादव सभी उनकी तीमारदारी में लगे होने के साथ उनके ठीक होने की प्रार्थना कर रहे थे. यूपी की राजनीति में  मुलायम सिंह यादव का परिवार सबसे बड़ा है. उनकी परिवार के करीब 25 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि मुलायम के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें. 1. संघर्षों से भरी रही ‘धरती पुत्र’ की जिंदगी—यूपी के इटावा जिले में स्थित सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह यादव का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था. मुलायम सिंह यादव राजनीति में आने से पहले शिक्षक थे. जो मैनपुरी स्थित जैन इंटर कॉलेज करहल प्रवक्ता के पद पर भी कार्यरत थे.

एक साधारण परिवार में जन्में मुलायम सिंह की शुरुआती जिंदगी मुश्किलों से भरी थी पर चुनौतियों से निपटना उन्हें अच्छई तरह आता था और इस बात को उन्होंने आगे साबित करके दिखाया. वो मूलतः एक शिक्षक थे लेकिन शिक्षण कार्य छोड़कर वो राजनीति में आये और आगे चलकर समाजवादी पार्टी बनायी. मुलायम सिंह यादव के बाबा का नाम मेवाराम था. मेवाराम के दो बेटे थे. सुघर सिंह और बच्चीलाल सिंह. सुघर सिंह के पांच बेटे हुए. इनमें मुलायम सिंह यादव, रतन सिंह, राजपाल सिंह यादव, अभय राम सिंह और शिवपाल सिंह यादव. भाइयों में मुलायम सिंह तीसरे नंबर और शिवपाल सिंह सबसे छोटे हैं. 2. राजनीतिक सफर की शुरआत—1967 में 28 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए और वर्ष 1977 में पहली बार राज्य मंत्री बनाए गए. साल 1980 में वे यूपी में लोक दल के अध्यक्ष भी बनाए गए थे. लोहिया आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले मुलायम सिंह यादव ने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी.  आम लोगों के बीच मुलायम सिंह किसान नेता, नेताजी और धरती पुत्र जैसे नामों से जाने जाते है. गांव और गांव के लोगों के हितों का ध्यान रखने वाले मुलायम सिंह को उनके चाहने वाले नेताजी कहकर बुलाते थे. मुलायम सिंह यादव तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके थे. 4. विधानसभा से लोकसभा का सफर—मुलायम सिंह यादव ने एक बार देश के रक्षामंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी. साल 1996 में मुलायम सिंह यादव इटावा के मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य बने और उन्हें केंद्रीय रक्षामंत्री निर्वाचित किया था. 1998 में मुलायम सिंह की सरकार गिर गई. हालांकि, 1999 में उन्होंने संभल निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की और वे फिर से लोकसभा पहुंचे. इसी साल जुलाई में नेताजी की पत्नी साधना गुप्ता का निधन हो गया था. उनका फेफड़ों में संक्रमण का इलाज चल रहा था. साधना, मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया. मालती देवी अखिलेश यादव की मां थीं. मुलायम की दूसरी शादी साधना गुप्ता से हुई. साधना और मुलायम के बेटे प्रतीक यादव हैं,मुलायम सिंह यादव का निधन।

ज्ञान चन्द जिला क्राइम रिपोर्टर लखनऊ

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