सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात

एटा के सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव और जुगेंद्र सिंह यादव पर की जा रही कार्रवाई को लेकर सपा के महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव सोमवार देर शाम सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। एटा के दोनों नेताओं की पार्टी महासचिव से रिश्तेदारी है और उनके बचाव में सपा का यह बड़ा कदम कहा जा रहा है। इस मुलाकात और इसके प्रभाव को लेकर दोनों ही पार्टी के स्थानीय नेताओं की निगाहें लखनऊ की राजनीति पर टिकी हुई हैं।

रामेश्वर सिंह यादव अलीगंज से विधायक तो उनके छोटे भाई जुगेंद्र सिंह यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। दोनों ही जिले में सपा के कद्दावर नेता रहे हैं। 2017 में बनी भाजपा की सरकार में इन पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो सकी थी, लेकिन 2022 में सरकार दोबारा बनते ही ये निशाने पर थे। दोनों पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।

सबसे बड़ी कार्रवाई 14 अप्रैल को करते हुए दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें जिलाधिकारी ने दोनों की सभी चल-अचल संपत्तियां जब्त करने का आदेश जारी किया। इसके तहत उनकी करोड़ों रुपये की संपत्तियां न सिर्फ एटा बल्कि कानपुर तक में जब्त की जा चुकी हैं। अन्य जिलों में भी संपत्तियां खंगाली जा रही हैं।

रामेश्वर सिंह यादव को पुलिस आगरा से गिरफ्तार कर चुकी है, जो जेल में निरुद्ध हैं। जबकि जुगेंद्र सिंह यादव को उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है। प्रशासन और पुलिस का शिकंजा लगातार कसता ही जा रहा है। उनके समर्थकों में मायूसी और हताशा है। सोमवार शाम को प्रो. रामगोपाल लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले। इस दौरान एटा के दोनों नेताओं की चर्चा भी हुई।

सपा नेता रामगोपाल यादव ने रामेश्वर, जुगेंद्र और उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा यादव सहित उनके सभी परिवारीजन पर लगाए गए मुकदमों को झूठा बताया। सीबीआई या एसआईटी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। खास बात यह है कि एटा प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई को उत्पीड़नात्मक बताते हुए जांच रोकने की भी मांग की गई है।

सोशल मीडिया पर प्रो. रामगोपाल के लैटर पेड और हस्ताक्षर का एक पत्र भी मंगलवार को वायरल हुआ है। इसमें यह भी लिखा गया है कि एटा के डीएम और एसएसपी के निर्देशन में पुलिस पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह को किसी न किसी तरह गिरफ्तार करने पर आमादा है। ऐसी आशंका है कि उनसे व्यक्तिगत रंजिश मानने वाले कुछ लोगों के इशारे पर एटा पुलिस जुगेंद्र सिंह की हत्या करा सकती है।

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