मिशन चेतना ने सामाजिक परिवर्तन में योगदान करने वालों को “चेतना पुरस्कार” से सम्मानित किया

आर जे न्यूज़, नई दिल्ली, 23,मई ,2022।

देश में सामाजिक परिवर्तन में योगदान करने वालों को मिशन चेतना ने रविवार यानी 22 मई को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में सम्मानित किया। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ‘चेतन हीरोज’ – वास्तविक जीवन के नायकों को पुरस्कार प्रदान किए और उनके कार्यों के आधार पर “चेतना हीरोज – स्प्रेडिंग गुडनेस” पर एक कॉफी टेबल बुक भी जारी की। ‘कॉफी टेबल बुक’ में 32 चेतना नायकों की रूपरेखा है, जिनकी विशिष्ट परोपकारी गतिविधियों ने लगभग एक करोड़ वंचित भारतीयों के जीवन में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मिशन चेतना ने समाज सेवा के लिए खुद को समर्पित करने वालों को ‘चेतना हीरोज’ की उपाधि से नवाजा है। देश के 11 राज्यों से चेतना हीरोज ने सामाजिक-कल्याण गतिविधियों जैसे कि विशेष रूप से विकलांगों के लिए भोजन का वितरण; पशुओं – गायों, कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों के लिए भोजन और स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था, महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना, जरूरतमंदों को चिकित्सा सहायता और वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान करने वालो को ‘चेतना हीरोज’ की उपाधि से नवाजा है।
पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा ने कहा, “वास्तव में, विभिन्न सामाजिक कार्यों के माध्यम से समाज में अच्छाई लाने की दिशा में मिशन चेतना के अद्भुत परोपकारी कार्यों को देखना दिल को छू लेने वाला है।

इस नेक कार्य को अंजाम देने में चेतना हीरोज का बहुत बड़ा योगदान है। “चेतना हीरोज – स्प्रेडिंग गुडनेस” पर कॉफी टेबल बुक वास्तविक जीवन के हीरोज है, जिनके अनुकरणीय कार्य ने भारत के लाखों वंचित लोगों के जीवन में बदलाव लाया है।
मनोज सिन्हा ने आगे जोर दिया, “मदद को जरुरतमंद तक पहुंचाने के लिए प्रशासन और लोगों के बीच इंटरफेस को मजबूत करने और पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, आदिवासी कल्याण और वृद्धों की देखभाल जैसे सामाजिक क्षेत्र की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। निस्वार्थ सेवा हमारे राष्ट्र-निर्माण की भविष्य की कुंजी है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सहायता का लाभ समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से सबसे गरीब से गरीब लोगों के बीच समान रूप से वितरित किए जाएं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए, सिन्हा ने कहा, “अब, पद्म पुरस्कारों के माध्यम से, वास्तविक गुमनाम नायकों को सम्मानित किया जा रहा है, जो समाज के लिए नई प्रेरणा हैं। प्रशासनिक तंत्र के साथ मिलकर काम करने वाले स्वैच्छिक संगठनों और व्यक्तियों में लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने, व्यवस्थाओं में अंतर को पाटने और समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने की क्षमता है।
पुरस्कार समारोह के दौरान बोलते हुए, गेस्ट ऑफ ऑनर के जे अल्फोंस, सांसद, राज्यसभा ने कहा, “समाज में अच्छाई फैलाने की दिशा में मिशन चेतना का परोपकारी कार्य सराहनीय है। कॉफी टेबल बुक में चेतना हीरोज का सम्मान करने से समान विचारधारा वाले लोगों को हमारे समाज में अच्छाई फैलाने के इस नेक काम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि इससे भी और बेहतर किया जा सके। इसके सिवाय मैंने अपने जीवन में अब किसी भी ऐसे समारोह में भाग नहीं लिया, जहां गुमनाम नायकों को ऐसे सम्मानित किया हो।
प्रसिद्ध पत्रकार उषा राय ने कहा, “मिशन चेतना द्वारा किए गए कार्यों वास्तव में प्रशंसनीय हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चेतना हीरोज द्वारा जरूरतमंदों को की गई निस्वार्थ सेवा हमारे समाज को ऐसे नेक काम में जुड़ने के लिए प्रेरित करती है। मैं कामना करती हूं कि मिशन चेतना भारतीय समाज का चेहरा बदलने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे।
मिशन चेतना के संस्थापक रवि शर्मा ने कहा, ”मिशन चेतना उन लोगों की पहचान करने और उनकी सराहना करने के लिए प्रतिबद्ध है जो सामाजिक बदलाव के लिए अच्छे कार्य कर रहे है और दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा सीएसआर अच्छे कार्यों में कॉर्पोरेट भागीदारी सुनिश्चित करता है, हमें भारत को एक खुशहाल राष्ट्र बनाने के लिए पीएसआर (व्यक्तिगत सामाजिक उत्तरदायित्व) का एक आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों से इस नेक काम का समर्थन करने, ‘मिशन चेतना’ से हाथ मिलाने और बदलाव के अग्रदूत बनने की अपील करता हूं। आखिर में उन्होंने कहा ’गर चाहो तो तुम भी कुछ कर जाओ, या फिर औरों की तरह यूं ही गुज़र जाओ, उठाओ हाथ तुम भी मदद में औरों की, या फ़िर यूं ही जियो और यूं ही मर जाओ’
इस कार्यक्रम में चेतना हीरोज और चेतना टीम सदस्यों के अलावा, लॉकेट चटर्जी, सांसद, सार्वजनिक क्षेत्र के सीएमडी, कॉर्पोरेट और सामाजिक क्षेत्र के कार्यकारी अधिकारी , आईआईटी की पूर्व छात्र और टेमा के सदस्यों ने पुरस्कार समारोह में भाग लिया।

रिपोर्ट: भावेश पिपलिया

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More