मेरठ नगर निगम में फर्जीवाड़ा घोटाला एवं भ्रष्टाचार और खबर चलाने पर पत्रकार पर होता है अत्याचार

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ मेरठ 

संवाददाता पप्पी चौधरी मेरठ

मेरठ नगर निगम में फर्जीवाड़ा घोटाला एवं भ्रष्टाचार और खबर चलाने पर पत्रकार पर होता है अत्याचार धमकी मिलती है फोन पर और एस सी- एस टी मुकदमे में फंसाने की धमकी और रंगदारी में फंसाने की धमकी मिलती है इस पत्रकार पप्पी चौधरी को जो दूध का दूध पानी की पानी की खबर चलाता है

बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं हिंदुस्तान का चौकीदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शौचालयों का निर्माण चल रहा है जिसमें एक शौचालय मेरठ घंटाघर पालिका बाजार में बना था जिसमें नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त संपत्ति अधिकारी बृजपाल सिंह की मिलीभगत के कारण यह शौचालय दुकान में आवंटित हो गया और खुशी की बात तो यह है कि 12000 अथवा 12000 की दो प्रीमियम रसीद भी काट दी गई तो यह है मेरठ का नगर निगम का खुला भ्रष्टाचार दूसरा नंबर पर आ जाइए आप पालिका बाजार में एक खादी आश्रम की दुकान है जो एक ही नाम पर किराए पर चल रही थी नगर निगम की दुकान को 8 दुकान का रूप दे दिया गया उसमें भी सहायक नगर आयुक्त मोटी रकम खा गया

कहीं मामला एक और चल रहा है पाल होटल का जो पाल होटल था घंटा घर पर उसकी 50 दुकानें बन गई उसमें बहुत मोटी रकम इस अधिकारियों के पास पहुंचती चली जा रही है ऐसे ही एक शौचालय माधवपुरम ग्रीन बेल्ट में बनाया गया था जिसको आज तक चालू नहीं कराया गया जिसकी लागत कम से कम ₹1000000 आई थी और इसका सहायक नगर आयुक्त नगर आयुक्त द्वारा बिल भी पास कर दिया गया ऐसे होता है मेरठ में उत्तर प्रदेश के सरकार का पैसे का गलत उपयोग और सरकार को किया जाता है बदनाम यह है मेरठ नगर निगम का खुला हुआ भ्रष्टाचार आप फोटो में देख सकते हैं कि आरके पुरम ग्रीन बेल्ट में बना शौचालय यह दिन प्रतिदिन करोड़पति बनते चले जा रहे हैं और ज्वाइन की खबर चलाता है उसको धमकी मिलती है

बराबर की हमारी खबर चलाएगा तो मुकदमे में फंसा देंगे या तुझे जेल भिजवा देंगे या तुझको जान से मरवा देंगे तो यह मामला चल रहा है मेरठ नगर निगम में जिसमें नगर आए की मिलीभगत और सहायक नगर आयुक्त का विशेष रोल चौकी संपत्ति अधिकारी सहायक नगर आयुक्त बृजपाल सिंह हैं जो आजकल नाश्ता ही नोटों की गड्डी से करते हैं सुबह का इस खबर को चलाने के बाद कभी भी आ सकती है धमकियां या किसी भी तरीके का दिखाया जाता सकता है अगर अधिकार प्रतिकार फर्जीवाड़े में क्योंकि नगर निगम के अधिकारियों पर किसी पत्रकार पर फर्जी मुकदमे या जान से मारने की धमकी के संबंध में नहीं किया जा सकता भरोसा पत्रकार को कभी भी आ सकती है धमकी

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