दुखद:- सीआरपीएफ कमांडर बिभोर की पत्नी ने कहा यदि समय से पंहुचता चॉपर तो मेरे पति की टांगे रहती सलामत

बड़ी लापरवाही -20 घंटे देरी से पहुंचा चॉपर,

राष्ट्रिय जजमेंट न्यूज़ 

संवाददाता 

कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से बिभोर कुमार सिंह को बहादुरी के लिए ‘कीर्ति चक्र’ से सम्मानित करने की मांग की है। बिभोर सिंह नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए गठित सीआरपीएफ की विशेष प्रशिक्षित इकाई ‘कोबरा’ बटालियन 205 के ग्राउंड कमांडर ‘एसी’ हैं। उनकी पत्नी रितु बताती हैं कि आईईडी हमले में बुरी तरह जख्मी होने के बावजूद उनके हाथ से राइफल नहीं छूटी थी। उन्हें अपनी चोट की गहराई का अंदाजा नहीं था और वे आगे बढ़ते रहे। अगर समय पर हेलिकॉप्टर पहुंच जाता, तो बिभोर समय रहते अस्पताल पहुंच सकते थे। हमले के करीब 20 घंटे बाद उन्हें दिल्ली एम्स लाया गया था। नतीजा, डॉक्टरों को उनकी दोनों टांगें काटनी पड़ीं। एक हाथ की दो अंगुलियां भी काट दी गईं। सहायक कमांडेंट को एम्स में प्राइवेट वार्ड तक नहीं दिया गया। सामान्य वार्ड में भर्ती बिभोर सिंह का हाल जानने के लिए गृह मंत्रालय से कोई अधिकारी या मंत्री नहीं पहुंचा।
रितु ने बताया, अगले दिन दोपहर को हेलिकॉप्टर मिल सका

रविवार को कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने एम्स के ट्रामा सेंटर में असिस्टेंट कमांडेंट के परिवार से मुलाकात की।

एमआई हेलिकॉप्टर तैयार रखना चाहिए
कॉन्फेडरेशन के चेयरमैन पूर्व एडीजी सीआरपीएफ एचआर सिंह ने कहा, यह फोर्स भारत का सबसे बड़ा सुरक्षा बल है। सीआरपीएफ द्वारा नक्सलियों, दहशतगर्दों व आंतरिक सुरक्षा के मद्देनजर लगातार सुरक्षा अभियान चलाता जाता है। इसके बावजूद सीआरपीएफ के लिए अलग से बीएसएफ की तर्ज पर एयर विंग का गठन क्यों नहीं हो सका। नक्सल प्रभावित इलाकों में एमआई हेलिकॉप्टर स्टैंड बाई में रखने की आवश्यकता है।

घायल जवानों व अधिकारियों को मेडिकल कैटेगरी का बहाना बना कर प्रमोशन के लाभ से वंचित न किया जाए। उम्मीद है कि केंद्रीय गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री, कोबरा जांबाज के परिवार से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई करेंगे। कॉन्फेडरेशन के अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा ने कहा, एयर फोर्स हेलिकॉप्टर के कप्तान को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।

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