पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग 8 फरवरी 2022

नीरजपाराशर आचारय:
??????????
* जय श्री राधे *
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
**ll जय श्री राधे ll**
??????????

दिनाँक-: 08/02/2022,मंगलवार
अष्टमी, शुक्ल पक्ष
माघ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———- अष्टमी अहोरात्र तक
पक्ष———————–शुक्ल
नक्षत्र——— भरणी 21:26:03
योग———–शुक्ल 17:03:47
करण——विष्टि भद्र 19:19:02
वार——————- मंगलवार
माह————————-माघ
चन्द्र राशि ——–मेष 28:08:02
चन्द्र राशि ———————वृषभ
सूर्य राशि—————– मकर
रितु———————- शिशिर
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 07:02:59
सूर्यास्त————– 18:04:05
दिन काल———– 11:01:06
रात्री काल———– 12:58:12
चंद्रोदय————– 11:27:10
चंद्रास्त————– 25:04:07

लग्न—-मकर 25°6′ , 295°6′

सूर्य नक्षत्र————– धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र————— भरणी
नक्षत्र पाया—————–स्वर्ण

??? पद, चरण ???

लू—- भरणी 08:07:27

ले—- भरणी 14:45:46

लो—- भरणी 21:26:03

अ—- कृत्तिका 28:08:02

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 25:42 ‘ धनिष्ठा , 1 गा
चन्द्र =मेष 19 °23 ‘ भरणी , 2 लू
बुध = मकर 01 ° 07 ‘ उ०षा० ‘ 2 भो
शुक्र=धनु(व) 18°05, पू oषा o ‘ 2 धा
मंगल=धनु 18°30 ‘ पू o षा o ‘ 1 भू
गुरु=कुम्भ 16°30 ‘ शतभिषा, 3 सी
शनि=मकर 20°43 ‘ श्रवण ‘ 4 खो
राहू=(व)वृषभ 03°30’ कृतिका , 3 उ
केतु=(व)वृश्चिक 03°30 अनुराधा , 1 ना

??? मुहूर्त प्रकरण ???

राहू काल 15:19 – 16:41 अशुभ
यम घंटा 09:48 – 11:11 अशुभ
गुली काल 12:34 – 13:56 अशुभ
अभिजित 12:12 -12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 09:15 – 09:59 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:16 – 23:59 अशुभ

?चोघडिया, दिन
रोग 07:03 – 08:26 अशुभ
उद्वेग 08:26 – 09:48 अशुभ
चर 09:48 – 11:11 शुभ
लाभ 11:11 – 12:34 शुभ
अमृत 12:34 – 13:56 शुभ
काल 13:56 – 15:19 अशुभ
शुभ 15:19 – 16:41 शुभ
रोग 16:41 – 18:04 अशुभ

?चोघडिया, रात
काल 18:04 – 19:41 अशुभ
लाभ 19:41 – 21:19 शुभ
उद्वेग 21:19 – 22:56 अशुभ
शुभ 22:56 – 24:33* शुभ
अमृत 24:33* – 26:10* शुभ
चर 26:10* – 27:48* शुभ
रोग 27:48* – 29:25* अशुभ
काल 29:25* – 31:02* अशुभ

?होरा, दिन
मंगल 07:03 – 07:58
सूर्य 07:58 – 08:53
शुक्र 08:53 – 09:48
बुध 09:48 – 10:43
चन्द्र 10:43 – 11:38
शनि 11:38 – 12:34
बृहस्पति 12:34 – 13:29
मंगल 13:29 – 14:24
सूर्य 14:24 – 15:19
शुक्र 15:19 – 16:14
बुध 16:14 – 17:09
चन्द्र 17:09 – 18:04

?होरा, रात
शनि 18:04 – 19:09
बृहस्पति 19:09 – 20:14
मंगल 20:14 – 21:19
सूर्य 21:19 – 22:23
शुक्र 22:23 – 23:28
बुध 23:28 – 24:33
चन्द्र 24:33* – 25:38
शनि 25:38* – 26:43
बृहस्पति 26:43* – 27:48
मंगल 27:48* – 28:53
सूर्य 28:53* – 29:57
शुक्र 29:57* – 31:02

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

मकर > 05:37 से 07:16 तक
कुम्भ > 07:16 से 08:48 तक
मीन > 08:48 से 10:13 तक
मेष > 10:13 से 13:00 तक
वृषभ > 13:00 से 14:49 तक
मिथुन > 14:49 से 16:03 तक
कर्क > 16:03 से 18:23 तक
सिंह > 18:23 से 19:28 तक
कन्या > 19:28 से 10:53 तक
तुला > 10:53 से 01:10 तक
वृश्चिक > 01: 10 से 03:27 तक
धनु > 03:27 से 05:37 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

8 + 3 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

8 + 8 + 5 = 21 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 19:19 तक

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

?? विशेष जानकारी ??

*दुर्गाष्टमी

* भौमाष्टमी

*भीष्माष्ठमी

*सर्वार्थसिद्धि योग 19:16 तक

??? शुभ विचार ???

दरस्थोऽपि न दूरशो यो यस्य मनसि स्थितः ।
यो यस्य हृदये नास्ति समीपस्थोऽपि दूरतः ।।
।।चा o नी o।।

वह जो हमारे मन में रहता हमारे निकट है. हो सकता है की वास्तव में वह हमसे बहुत दूर हो. लेकिन वह व्यक्ति जो हमारे निकट है लेकिन हमारे मन में नहीं है वह हमसे बहोत दूर है.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: भक्तियोग अo-12

अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्रः करुण एव च ।,
निर्ममो निरहङ्‍कारः समदुःखसुखः क्षमी ॥,
संतुष्टः सततं योगी यतात्मा दृढ़निश्चयः।,
मय्यर्पितमनोबुद्धिर्यो मद्भक्तः स मे प्रियः॥,

जो पुरुष सब भूतों में द्वेष भाव से रहित, स्वार्थ रहित सबका प्रेमी और हेतु रहित दयालु है तथा ममता से रहित, अहंकार से रहित, सुख-दुःखों की प्राप्ति में सम और क्षमावान है अर्थात अपराध करने वाले को भी अभय देने वाला है तथा जो योगी निरन्तर संतुष्ट है, मन-इन्द्रियों सहित शरीर को वश में किए हुए है और मुझमें दृढ़ निश्चय वाला है- वह मुझमें अर्पण किए हुए मन-बुद्धिवाला मेरा भक्त मुझको प्रिय है॥,13-14॥,

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा।

?वृष
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी। धन प्राप्ति के योग हैं। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे। संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं।

?मिथुन
अतिथियों का आवागमन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बना रहेगा। नई योजनाओं की शुरुआत होगी। संतान की प्रगति संभव है। भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे। पूर्व कर्म फलीभूत होंगे। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

?कर्क
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्ययवृद्धि होगी। तनाव रहेगा। अपरिचितों पर विश्वास न करें। प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए। रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है। विरोधी परास्त होंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। धैर्य एवं संयम बना रहेगा।

?सिंह
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें। धनार्जन होगा।

?‍♀️कन्या
भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जोखिम न लें। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी। प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक चिंताएँ दूर होंगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी।

⚖️तुला
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं।

?वृश्चिक
व्यापार में नई योजनाएँ बनेंगी। व्यापार अच्छा चलेगा। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। रुके हुए काम समय पर पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। परिवार की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

?धनु
उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। शोक समाचार मिल सकता है। थकान महसूस होगी। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें।

?मकर
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से हानि होगी। अपने काम से काम रखें। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे। चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है।

?कुंभ
भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। शत्रु भय रहेगा। निवेश व नौकरी लाभ देंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। कार्य के विस्तार की योजनाएँ बनेंगी। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। लाभदायक समाचार मिलेंगे।

?मीन
पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। झंझटों में न पड़ें। उधार दिया धन मिलने से राहत हो सकती है। जीवनसाथी का सहयोग उलझे मामले सुलझाने में सहायक हो सकेगा। वाहन सावधानी से चलाएँ। कोर्ट-कचहरी में अनुकूलता रहेगी।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More