जानिये सोशल मीडिया पर वायरल बंदर और कुत्तों के झगड़े की सच्चाई

दरअसल ये मामला उस समय चर्चा में आया जब महाराष्ट्र के बीड जिले के एक गांव से बंदरों और कुत्तों के बीच गैंगवार छिड़ने की खबर सामने आई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले तीन महीनों के अंदर माजलगांव में बंदरों ने कुत्तों के करीब 80 बच्चों को मार डाला.ग्रामीणों के मुताबिक कुत्तों ने एक बंदर के बच्चे को मार दिया था इसके बाद से ही इस बदले के खेल की शुरुआत हुई

तब से बंदरों ने बदला लेने के लिए कुत्तों के बच्चों को चुन-चुनकर मारना शुरू किया है जब भी बंदरों को पिल्ले नजर आते है तो वो उन्हें उठाकर ले जाते है और किसी पेड़, इमारत या किसी ऊंचाई वाले स्थान पर लेकर चढ़ जाते है और पिल्लों को वहां से नीचे फेंक देते हैं.ग्रामीणों के मुताबिक पिछले तीन माह में बंदरों ने माजलगांव में 70-80 कुत्ते के बच्चों को मार डाला है

नतीजन अब गांव में कोई भी पिल्ला नहीं बचा है. इतना ही नहीं बंदरों ने आस-पास के गांवों में भी पिल्लों को निशाना बनाया है.के अनुसार अब तक बंदरों ने 250 से अधिक पिल्लों को अपना शिकार बनाया है ग्रामीणों ने कई बार पिल्लों को बचाने का प्रयास भी किया, जिस पर बंदरों ने ग्रामीणों पर हमला कर दिया. कई ग्रामीण अब तक बंदरों के हमले का शिकार हो चुके है

कुत्तों और बंदरों के बीच चल रहे इस झगड़े से पूरा गांव दहशत में है. कुत्तों और बंदरों की इस लड़ाई से माजलगांव के ग्रामीण इतने ज्यादा परेशान हो चुके है कि उन्होंने इससे निपटने के लिए वन विभाग से मदद मांगी है

ग्रामीणों का कहना है कि बंदर स्कूल जाते बच्चों पर भी हमला कर देते है.वहीं वनविभाग की टीम ने 18 दिसंबर गांव वालों की शिकायत के बाद दो बंदरों को पकड़ा है. बीड के फॉरेस्ट ऑफिसर सचिन कंद ने कहा कि गांव में पिल्लों को मार रहे दो बंदरों को नागपुर की वन विभाग टीम ने पकड़ लिया है नागपुर के जंगल मे दोनों बंदरों को छोड़ा जाएगा

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