सब्जी लेने निकले युवक की बेरहमी से हत्या

गोरखपुर। रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के रामपुर गाँव के निवासी महेंद्र शुक्ला और उनके परिवार पर बुद्धवार का दिन कहर बनकर टूटा जिसे शायद वो और उनका परिवार अब कभी नही भूल पायेगा। जहाँ उस गांव के ही कुछ युवकों ने उनके 17 वर्षीय पुत्र अंकुर शुक्ला जो कि अभी 11वीं में पढ़ रहा था।

बुद्धवार की दोपहर अंकुर बाजार की ओर सब्जी लेने और अपने बाल कटवाने निकला था लेकिन उसे भी क्या पता था कि बुद्धवार का दिन उसके जीवन का आखिरी दिन होगा। उस मासूम ने किसी का कुछ बिगाड़ा भी नही था लेकिन उन दरिंदों को उसपर तनिक भी दया नही आई और उसकी चाकू से गोद-गोदकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी अवधेश शराब के नशे में 14 जून को अपने साथियों संग मृतक के घर मे चोरी करने के इरादे से घुसा था तभी मृतक के बड़े भाई राहुल शुक्ला ने आरोपी अवधेश को पकड़ लिया, उसे मारा-पीटा और मामला रामगढ़ताल थाने पहुंचा। वहां के तत्कालीन थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह ने जो कि कानपुर निवासी मनीष गुप्ता हत्याकांड में मुख्य आरोपी है और अभी जेल में है उन्होंने दोनों पक्षों के बीच सुलह कराते हुए सुलहनामा लिखवा दिया।

उक्त घटना के 6 महीने बीतने के पश्चात राहुल शुक्ला के मृतक छोटे भाई अंकुर शुक्ला (17वर्ष) जो कि बाजार में सब्जी लेने गया हुआ था उसे मुख्य आरोपी अवधेश और उसके साथियों सोनु पुत्र लक्ष्मी, मनीष कट्टा और जय हिंद जो कि मृतक के घर से एक किलोमीटर के दायरे में आस-पास ही रहते हैं उन्होंने मृतक अंकुर शुक्ला को रोककर गांव के बीचों-बीच ईट-पत्थर और चाकुओं से गोंद-गोंदकर मौत के घाट उतार दिया। गाँव के ही निवासी ने मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दी। जिसे सुनकर परिवारीजन सकते में आ गए।

जब मौके पर पहुंचे तो उनका 17 वर्षीय पुत्र खून से लथपथ पड़ा हुआ था। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुस्साए परिजनों ने युवक की लाश को देवरिया बाईपास रोड पर रखकर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों ने 48 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही लेकिन परिवार के लोगों ने मांगे पूरी न होने तक अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।

काफी मान-मनौव्वल के बाद भी परिवारीजन अपनी मांगों पर अड़े रहे। मुख्यमंत्री के गृह जनपद होने के साथ-साथ ही यह घटना उसी चर्चित थाने की थी जहां कुछ ही समय पहले कानपुर निवासी मनीष गुप्ता की हत्या खुद पूर्व के रामगढ़ताल थाना प्रभारी एवं मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी जगत नारायण सिंह जिनको स्थानीय जनता नगद नारायण सिंह भी बुलाती थी। उन्होंने और उनके पुलिस साथियों द्वारा व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी। जिसके चलते भी प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे।

प्रशासन पूरी तरह से दबाव में था कि इस मामले को बढ़ने से पहले जल्द से जल्द शांत कराया जाए। परिवारीजनों का आरोप है कि मौके पर पहुंचे एडीएम ने मृतक के पिता एवं बड़े भाई का कॉलर पकड़ कर घसीटा और भद्दी-भद्दी गालियां भी दीं। जब एडीएम साहब से इस बाबत मिडिकर्मियों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मृतक के किसी भी परिजन के साथ कोई भी अभद्रता नही की गई लेकिन यदि उनको ऐसा लगा तो मैं पूरे परिवार से क्षमा मांगता हूं।

मेरी संवेदनाएं मृतक के परिजनों के साथ हैं लेकिन इसके ठीक उलट एडीएम साहब का एक वीडियो भी वायरल हो गया जिसमें वो मृतक के बड़े भाई और उसके पिता को कॉलर पकड़कर धक्का देते हुए और भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए साफ नजर आ रहे हैं। मृतक के परिजन लगातार मांग कर रहे थे कि मा०मुख्यमंत्री जी से बात हो जाये और आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो तथा एडीएम साहब को उनकी अभद्रता के लिए तुरन्त सस्पेंड किया जाए।

एसएसपी विपिन टांडा ने मिडियाकर्मियों से बात-चीत में बताया कि मृतक एवं आरोपी युवकों के बीच झगड़ा हुआ जिसमें आरोपितों ने युवक की पीठ-पीटकर हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि सभी आरोपी फरार हैं जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गयी हैं। लगातार दबिश दी जा रही है। 48 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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