कुत्ते नहीं ख़ोज सके सुच्चा सिंह का सर, आधे शव का हुआ अंतिम संस्कार

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के फार्महाउस के पास मिले सुच्चा सिंह के सिर कटे शव का भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि परिजन बिना सिर के शव का अंतिम संस्कार नहीं कराने पर अड़े थे।

पुलिस अधिकारियों ने बेटे को सरकारी नौकरी और बेटियों की शादी में आर्थिक मदद का आश्वासन दिया तो परिजन राजी हुए। सोमवार दोपहर बाद खरड़ अस्पताल से शव सीधे श्मशानघाट लाया गया। यहां 17 वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दी। दूसरी ओर सोमवार देर शाम तक भी सिर नहीं मिल सका था।

रविवार को सिसवां स्थित मुख्यमंत्री के फार्महाउस की दीवार के पास सच्चा सिंह का सिर कटा शव दबा मिला था। आठ दिन से वह गायब था। पालतू कुत्ते की मदद से उसका शव खोजा जा सका। इस जघन्य अपराध से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश था। वे सोमवार को इस बात पर अड़ गए कि जब तक सुच्चा सिंह का सिर नहीं मिल जाता तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि रीति रिवाजों के अनुसार पूरे शव का अंतिम संस्कार एक बार ही किया जाता है।

इधर, घटनास्थल सीएम फार्महाउस के साथ होने के कारण पुलिस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी। लिहाजा, सोमवार सुबह करीब दस बजे मुल्लांपुर थाना प्रभारी ने गांव जाकर परिजनों से बात की लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे डीएसपी खरड़-2 विक्रमजीत सिंह गांव गए और सरपंच व पंचायत सदस्यों को साथ लेकर परिजनों व ग्रामीणों से बात की।

डीएसपी के सामने पंचायत ने दो मांगें रखीं। एक तो सुच्चा सिंह के बेटे को सरकारी नौकरी, दूसरी दोनों बेटियों की शादी में आर्थिक मदद। डीएसपी ने आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी। आला अधिकारियों की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद डीएसपी विक्रमजीत सिंह ने बताया कि डीसी गिरीश दियालन व एसएसपी सतिंदर सिंह ने दोनों मांगें मानने का आश्वासन दिया है।

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पंचायत को एक आवेदन देना होगा, जिसे अपनी संस्तुति के साथ वह आगे भेज देंगे। इसके बाद परिजन व ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। उधर, सोमवार सुबह दो डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने खरड़ के सरकारी अस्पताल में सुच्चा सिंह के शव का पोस्टमार्टम किया। शव को पुलिस की देखरेख में खरड़ अस्पताल से सीधे गांव नगल के श्मशान घाट लाया गया। यहां आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ तैनात थे। पुलिस की देखरेख में अंतिम संस्कार हुआ।

पुलिस ने तीन आरोपी किए थे नामजद
हत्याकांड में पुलिस ने तीन आरोपियों को नामजद किया है। गांव परोल के सतनाम सिंह सत्ती व गांव नगल के देसराज को रविवार को ही दबोच लिया था। दोनों को खरड़ अदालत में पेश कर चार दिन के रिमांड पर ले लिया है ताकि फरार मुख्य आरोपी जागीर सिंह की गिरफ्तारी हो सके। डीएसपी खरड़-2 विक्रमजीत सिंह ने बताया कि पुलिस दो-तीन दिन के भीतर ही जागीर सिंह को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा करेगी।

नेपाली नौकर भी गायब
वारदात स्थल सीएम फार्महाउस के पास होने के कारण यह केस हाईप्रोफाइल हो गया है। पुलिस पूरी ताकत से इसे सुलझाने में लगी है। दूसरी ओर यह भी पता चला है कि 12 जून की रात को जागीर सिंह के फार्महाउस पर पार्टी के दौरान एक नेपाली नौकर भी था। चार पांच साल से वह जागीर सिंह के पास ही काम कर रहा था। यह नौकर भी उसी रात से लापता है। जागीर सिंह ने सुच्चा सिंह की गुमशुदगी के साथ ही 14 जून को अपने नेपाली नौकर के लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी।

अब पुलिस दो बातों का पता लगा रही है, पहली, नेपाली नौकर के साथ भी तो कोई वारदात नहीं हो गई। दूसरी, कहीं नेपाली नौकर ने ही तो जागीर सिंह के कहने पर सुच्चा सिंह की हत्या तो नहीं की। इन तमाम सवालों का जवाब जागीर सिंह की गिरफ्तारी के बाद ही मिल सकेगा।

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