भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह के भाई अरुण प्रताप सिंह का कोरोना से लखनऊ में इलाज के दौरान हुई मौत

आर जे न्यूज़-

कोविड-19 का कहर लगातार ढहा रहा है,सितम। महामारी का रूप धारण कर कोरोना संक्रमण राजा हो या रंक ! सबको बना रहा है,अपना निशाना। सारी संपत्ति और धन वैभव नहीं आ रहा है,काम। इसलिये अहंकार त्यागकर मानवीय गुणों को अपनाने का प्रयास करना चाहिये।

मानव धर्म ही अंत में काम आएगा। जो कार्य आप द्वारा किया गया होता है,वही अमरत्व प्रदान करता है। बाकी इस नश्वर संसार में कुछ भी साथ नहीं जाता। सब यहीं छूट जाता है। इसलिए आपस में आपसी प्रेम और सौहार्द बनाकर रहना चाहिए। ताकि अंतिम समय ब्यक्ति के प्राण त्यागने के बाद उसका यश और कीर्ति का गुणगान लोग करते रहें |

कोरोना संक्रमण से ग्रसित थे,अरुण प्रताप सिंह। अरुण प्रताप सिंह का बेटा गौरव डॉक्टर है। एक लड़का विदेश में स्टैब्लिश है। साधन संपन्न होने की वजह से उनका इलाज राजधानी लखनऊ में प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करके शुरू हुआ। बड़ा लड़का स्वयं डॉक्टर है। सो वह अपने पिता अरुण प्रताप सिंह के इलाज की मॉनिटरिंग स्वयं करता था।

वह 9अप्रेल से ही ऑक्सीजन पर चले गए। प्लाज्मा की उन्हें जरूरत थी। ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीज होने की वजह से उनकी रिकवरी नहीं हो सकी और बीती रात इलाज के दौरान लखनऊ में उन्होंने अंतिम सांस ली। भरा पुरा परिवार छोड़कर अरुण प्रताप सिंह इस संसार को हमेशा के लिए अलविदा कह दिए |

तीन भाइयों में मझले भाई थे,अरुण प्रताप सिंह। होंडा बाइक एजेंसी, पेट्रोल पंप एवं प्रॉपर्टी डीलर का कार्य करके समाज में अपनी पहचान बनाई थी। बड़े भाई हरि प्रताप सिंह जो भाजपा नेता और पूर्व विधायक रहे। अरुण प्रताप सिंह की भाभी प्रेमलता सिंह प्रतापगढ़ नगरपालिका की चेयरपर्सन हैं। उनके चुनाव-2017में निर्वाचन अभिकर्ता थे,अरुण प्रताप सिंह।

छोटे भाई विनय प्रताप सिंह उर्फ बब्बू ट्रांसपोर्ट का ब्यवसाय करते हैं। तीनों भाइयों में आपसी तालमेल बहुत अच्छा रहा। आज मझले भाई अरुण प्रताप सिंह का कोरोना संक्रमण काल के समय में असामयिक मौत ने हरि प्रताप सिंह के परिवार को हिला कर रख दिया |

जगदीश ट्रेवेल्स के स्वामी रहे स्व जगदीश बहादुर सिंह और ठाकुर लालमणि सिंह सगे भाई रहे और दोनों भाई पट्टी के सर्वजीतपुर गाँव से आकर शहर में ट्रांसपोर्ट का ब्यवसाय शुरू किये। अरुण प्रताप सिंह सरल स्वभाव, मृदुभाषी, धर्मनिष्ठ रहे। जिससे सम्बन्ध रखते थे, उसके साथ पूरी तन्मयता से सम्बन्ध का निर्वहन करते थे। उन्होंने एक टीम बनाई थी और नियमित पूर्णिमा को अपनी टीम के साथ माँ विंध्यवासिनी धाम में दर्शन-पूजन करने जाते रहे।

होली पर अपने टीम के साथ अरुण प्रताप सिंह माता जी के दरबार में गये थे। वहाँ से लौटने के बाद बीमार पड़े तो उठे नहीं। अरुण प्रताप सिंह की असामयिक मौत से पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह के परिवार में एक तरह का बज्रपात सा हो गया। खुलासा इंडिया परिवार ईश्वर से प्रार्थना करता है कि मृत आत्मा को अपने श्रीचरणों मे स्थान दें और परिवार को इस अपार कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करें |

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