इटावा: मुंडन कराने कालका मंदिर जा रहे लोगों से भरी डीसीएम गिरी खाई में, 12 लोगों की हुई मौत, 52 लोग घायल

आर जे न्यूज़-

अपने-अपने मृतक साथियों के लिए खुद खरीदकर लाओ कफन। यह बोल सिविल लाइन थाने में तैनात एक दरोगा के हैं। इतने दर्द भरे हादसे में कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है? एक गांव के 12 लोगों के शव पोस्टमार्टम हाउस में रखे थे और परिजन एक-दूसरे से गले लिपट कर बदहवास हालत में रो रहे थे, ऐसे में दरोगा की ये बातें पीड़ितों को चुभ गईं। पुलिसकर्मियों को ऐसे में पीड़ित परिजनों की मदद करनी चाहिए। उनकी हिम्मत बढ़ानी चाहिए लेकिन सिविल लाइन थाने में तैनात एक दरोगा ने रोते-बिलखते परिजनों से शवों के कफन खुद खरीदकर लाने को कह दिया।

यह सुनकर पीड़ित परिजन दरोगा का मुंह ताकते रहे। इसके बाद वह चुपचाप कफन की व्यवस्था के लिए जाने लगे तो इंसानियत को शर्मसार करने वाली बात यह रही कि दरोगा ने मृतकों के परिजनों को कफन बेचने वाले दुकानदारों का पता व उसके दाम भी बताए। इसके बाद परिजन बिना सोचे समझे मृतकों के लिए कफन का इंतजाम करने के लिए चले गए। जबकि हादसे के कुछ देर बाद जिला अस्पातल पहुंची डीएम श्रुति सिंह व एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह समेत आलाधिकारियों ने मृतकों व घायलों को मुआवाजा दिलाने की बात कही थी।

देखना यह है कि इंसानियत को शर्मसार करने वाले दरोगा के खिलाफ प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई होती है।बताते चलें कि शनिवार को आगरा से बच्चे का मुंडन कराने के लिए लखना के कालका मंदिर जा रहे लोगों से भरी डीसीएम इटावा में मिहोली मोड़ के पास सड़क किनारे 30 फीट गहरी खाई में पलट गई थी। हादसे में महिला समेत 12 लोगों की मौत हो गई। जबकि 52 से अधिक लोग घायल हुए थे। बताते चलें कि शनिवार को आगरा से बच्चे का मुंडन कराने के लिए लखना के कालका मंदिर जा रहे लोगों से भरी डीसीएम इटावा में मिहोली मोड़ के पास सड़क किनारे 30 फीट गहरी खाई में पलट गई थी। हादसे में महिला समेत 12 लोगों की मौत हो गई। जबकि 52 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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