सावधान चौथा स्तंभ सवाल करने पर मोबाइल छीन लिया जाएगा, सौजन्य से उपजिलाधिकारी राम सनेहीघाट

बाराबंकी-संवाददाता सरकार तरह तरह के पत्रकारों के हित मे कानून बना रही है,  पत्रकारों के हित में दावा कर रही है, सवाल पूछना पत्रकार का धर्म है।मीडिया कर्मी स्वतंत्र होते है मीडिया कर्मियों के लिए  संविधान में भी लिखा है कि मीडिया कर्मी स्वतंत्र है।तहसील रामसनेहीघाट के ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल व तहसीलदार दयाशंकर त्रिपाठी मय टीम व पुलिस प्रशासन के साथ ग्राम सभा सुखीपुर में अतिक्रमण हटबाने पहुचे। जिसकी जानकारी क्षेत्रीय पत्रकार जितेंद्र कुमार को  हुई। पत्रकार जितेंद्र कुमार मय टीम मौके पर पहुँच गए।

पत्रकार जितेंद्र कुमार ने हटाए जा रहे अतिक्रमण के बारे में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी रामसनेही घाट दिव्यांशु पटेल से हटाए जा रहे अतिक्रमण के सबन्ध में सवाल पूछने के लिए अनुमति मांगी तो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल ने कहा बिल्कुल पूछो, लेकिन जब क्षेत्रीय पत्रकार की टीम ने सवाल किया तो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल आग बबूला हो गये।

 Mobile phone will be snatched on careful fourth column question, courtesy Sub-Collector Ram Saneheighat

जबकि मौके पर किसी भी प्रकार का वैनर,सूचना बोर्ड,हस्तलिखित सूचना  चस्पा नही किया गया था  मीडिया कर्मी या अन्य का प्रवेश वर्जित है लिखा था ।सत्य के कई रूप और चेहरे होते हैं।हर विषय को समझने के लिए उसके सभी पक्षों को जानना समझना जरूरी होता है।

उपजिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल के निर्देश पर मीडिया कर्मी के साथ अभद्रता की गई मीडिया कर्मी का मोबाइल छीनवाकर पूछे गए सवाल,हट रहे अतिक्रमण सम्बन्धी वीडियो, फ़ोटो को डिलीट करवाकर मीडिया कर्मी के मोबाईल को पुलिस के सुपर्द कर दिया जिससे मीडिया कर्मी ने बातचीत के दौरान कहा कि हमने गलत क्या पूछा है और सवाल का जवाब दीजिए हमने आप से अभद्रता नही की है और एक पत्रकार के साथ कैसा बर्ताव कर रहे है महोदय,बवाल बढ़ता देख उपजिलाधिकारी ने मीडिया कर्मी के मोबाइल से वीडीयो फ़ोटो डिलीट कर मीडिया कर्मी का मोबाईल वापस कर दिया।

जिसकी सूचना सम्बन्धित पत्रकारों को हुई पत्रकारों में रोष व्याप्त है मीडिया कर्मी जितेंद्र कुमार ने उच्चधिकारियों को शिकायती पत्र भेज न्याय की गुहार लगाई है । वैसे वर्तमान कथित तेज तर्रार उपजिलाधिकारी का कार्यकाल में बेलहरी ग्राम पंचायत में तालाब की भूमि में पंचायत भवन बनना हो या सूपामऊ में तालाब की भूमि में बना आंगनबाड़ी केन्द्र हो,

फरियादी सर पटक कर अतिक्रमण की गुहार लगाते रहे लेकिन साहब आँख मूंद कर बैठे रहे, आम जनमानस को वर्तमान में उप जिलाधिकारी से न्याय की उम्मीद नहीं रह गई हैं, सुखीपुर में जो भी हुआ है वह पुनः तालाब की भूमि पर सरकारी कब्जेदारी अतिक्रमण का पहला कदम है, जब कि पूरे तहसील क्षेत्र में अतिक्रमण की भरमार है लेकिन रसूखदार को सब माफ है,क्यू कि साहब उपजिलाधिकारी है।

धर्मेन्द्र प्रताप सिंह RJ
रामसनेही घाट बाराबंकी

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