एनसीपी प्रमुख शरद पवार हो सकते हैं यूपीए के चेयरमैन

लोकसभा चुनाव में अभी साढ़े 3 साल बाकी है. लेकिन विपक्षी खेमे में हलचल अभी से ही तेज हो गई है. इस बार विपक्षी खेमे का मुखिया बनने की कोशिश में हैं NCP चीफ शरद पवार. 2019 में ऐसी कोशिश चंद्रबाबू नायडू ने की थी और 2014 में अरविंद केजरीवाल ने. दिल्ली बॉर्डर पर कृषि बिल के खिलाफ चल रहे पंजाब के किसानों के आंदोलन के बीच शरद पवार सोमवार को दिल्ली पहुंचे और उन्होंने लेफ्ट पार्टियों के नेताओं से मुलाक़ात की.

पिछले दिनों उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की थी. शरद पवार के अचानक एक्टिव होने से अटकलें लगाई जा रही है कि जल्द ही वो UPA के मुखिया बन सकते हैं. इस बात की चर्चा शिवसेना के मुखपत्र सामना में हुई थी तो कांग्रेस बिदक गई थी.पश्चिम बंगाल चुनाव के मुहाने पर खड़ा है. शरद पवार अगले महीने पश्चिम बंगाल भी जाने वाले हैं. चर्चा है कि वहां वो ममता बनर्जी के साथ एक साझा रैली कर सकते हैं. शरद पवार किसान आंदोलन को लेकर भी मुखर हैं. फिलहाल UPA की चेयरपर्सन सोनिया गाँधी हैं.

लेकिन अस्वस्थ होने की वजह से उनकी सक्रियता राजनीति में कम हो गई है. राहुल गाँधी अपनी नॉन सीरियस राजनेता की छवि से जूझ रहे हैं.उनसे अपनी पार्टी तो संभलती नहीं, UPA क्या संभालेंगे. राहुल के नाम पर UPA में शामिल दलों में ही मतभेद हो जाता है. ऐसे में शरद पवार एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनके नाम पर कोई मतभेद नहीं होगा. लेकिन क्या कांग्रेस इसे बर्दाश्त करेगी, ये भी एक बड़ा सवाल है.

पिछले दिनों जब सामना में शरद पवार को UPA की जिम्मेदारी देने की बात की गई तो कांग्रेस भड़क गई थी. कांग्रेस नेताओं नेकहा था कि UPA को संभालने में सोनिया गाँधी पूरी तरह से सक्षम है. कांग्रेस की तरफ से ये भी कहा गया कि शरद पवार खुद भी ये पद नहीं संभालना चाहेंगे. लेकिन राजनीति संभावनाओं का खेल है और जिस तरह से शरद पवार सक्रिय हुए हैं लगता है इसकी संभावना बहुत ज्यादा है.

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