महोबा : कुढ़ई गांव का हाल, कागजों में काम मौके से गायब

महोबा 24 दिसंबर। गांव में विकास के नाम पर शासन के धन को ठिकाने लगाने का काम किया जाता रहा, और गांव विकास को तरसता रहा कुछ काम आधे-अधूरे कर दिये गये और कुछ काम कागजों में ही दम तोड़ गये, मजदूरों को भी भुगतान के नाम पर अंगूठा दिखा दिया गया, भारी पैमाने पर विकास के नाम पर वित्तीय अनियमित्तायें की गयी है, गांव में कराये गये सभी कामों की जांच वीडियोंग्राफी कराकर करायी जाए सच्चाई सामने आने पर प्रधान और वहां के ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ उचित कानूनी की कार्यवाही की जाए, मामले की शिकायत शपथ पत्र देकर गांव के सत्य प्रकाश द्विवेदी द्वारा यहां जिलाधिकारी से की गयी है।

विकास खण्ड जैतपुर के कुढ़ई वसरिया गांव के सत्य प्रकाश द्विवेदी ने यहां जिलाधिकारी को एक शपथ पत्र देकर वहां के प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी पर वित्तीय अनियमित्ताओं के आरोप जड़े है, उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि सम्पूर्ण मामले की जांच करायी जाये तो दूध का दूध और पानी का पानी कि भांति सारा मामला खुलकर सामने आ जाएगा। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की जांच वीडियोंग्राफी समेत करायी जाए और सच्चाई पाये जाने पर उक्त लोगों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाए।

यहां उन्होंने 12 बिंदुओं पर आधारित गांव में किये गये विकास कार्यो की बिंदुवार पोल खोलते हुए शिकायतें की है। उनका कहना है कि, कि गांव में सीसी सड़क बनायी गयी तो मजदूरी का भुगतान डाला ही नहीं गया, इसी तरह मरम्मत काम में भी मजदूरी का भुगतान दिखाया नहीं गया है, सीसी सड़क का निर्माण कार्य हजारों रुपये खर्च करके कराया गया और इसमें सैकड़ों रुपये मजदूरी में खर्च बताये गये लेकिन अंधेर की बात यह है कि यह काम पूरा ही नहीं हुआ। गांव में सीसी सड़क का निर्माण किया गया लेकिन मौके पर इसका पता ही नहीं है, इसी तरह एक और सड़क का हाल है, मरम्मत के नाम पर भी शासन के धन को ठिकाने लगाने का काम किया गया, इंटर लॉकिंग का काम एक निश्चित स्थान के बाद आगे बढ़ ही नहीं सका जबकि आरोप है कि भुगतान डकार लिया गया।

पानी की तरह बहा पैसा नहीं दिखे टैंकर

महोबा। सबसे ज्यादा अंधेर पानी के नाम पर किया गया है, यहां पानी के नाम पर धन पानी के तरह खर्च किया गया, लेकिन गांव में पानी के टेंकर नजर ही नहीं आये अब इन टेंकरों के पानी को जमीन पीती रही या आसमान निगल गया इसका अंदाजा आज तक लगा ही नहीं, जबकि इस काम में एक मोटी रकम खर्च कर दिखाई जा रही है, और यही हाल सफाई के मामले में भी है, कई बार कूड़ा सफाई के नाम पर हजारों रुपये का भुगतान होता रहा है लेकिन गांव में सफाई दिखी ही नहीं, यहां हैण्डपम्प के नाम पर भी घोटाला होने का मामला उनके द्वारा की गयी शिकायत में प्रकाश में लाया गया है।

राष्ट्रीय जजमेंट के लिए महोबा से काजी आमिल की रिपोर्ट

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